Jamshedpur (Sunil Pandey) : राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जिलास्तरीय कार्यक्रम बुधवार को साकची के रवींद्र भवन में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य का महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी, विशिष्ट अतिथि के रुप में उपायुक्त विजया जाधव, जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू एवं उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा मौजूद थे. उपस्थित आंगनबाड़ी की सेविका, सहायिका एवं विभागीय कर्मियों को संबोधित करते हुए मंत्री जोबा मांझी कहा कि कुपोषण को जागरूकता एवं उचित खान-पान से ही दूर किया जा सकता है. यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि पोषण कार्यक्रम एक माह को लक्षित करके किया गया. लेकिन कुपोषण के प्रति निरंतर अनुश्रवण की आवश्यकता है.
उन्होने सभागार में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी मां बनने के उस दौर से गुजरी हैं जहां हमे पता होता है कि जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या खान-पान जरूरी है. जरूरत है कि लोगों के बीच भी इसी जागरूकता को बढ़ायें ताकि कुपोषण का सही तरीके से उपचार किया जा सके. इस कार्य में आंगनबाड़ी वर्कर एवं स्वास्थ्य सहिया की भूमिका काफी अहम है.
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जिले में अति कुपोषित बच्चे चिंता का विषय- डीसी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने बताया कि जिले में करीब 500 बच्चे अतिकुपोषित एवं कुपोषित श्रेणी के चिन्हित किए गए हैं जो निश्चित ही चिंता का विषय है. उन्होने आश्वस्त किया कि चिन्हित बच्चों का कुपोषण उपचार को लेकर प्राप्त गाइडलाइन के अनुरूप कार्य तो किया ही जाएगा साथ ही साथ सीएसआर तथा अन्य माध्यम से भी इन बच्चों को सप्लिमेंटरी खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. जिले के स्कूल एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका लगाने के निर्देश दिए हैं साथ ही निजी स्तर पर भी पोषण वाटिका लगाने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर भी उपलब्ध कई पेड़ों के फल व पौधे भी उच्च पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जरूरत है कि लोगों में जागरूकता लाई जाए जिससे वे प्रचुर मात्रा में अपने भोजन से पोषण तत्व पा सकें.
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डीएसडब्ल्यूओ ने दिया प्रजेंटेशन
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर ने पोषण माह 2022 के दौरान जिले में उचित पोषाहार के प्रति पंचायत एवं ग्राम स्तर पर चलाये जा रहे जागरूकता अभियान को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया. उन्होने कहा कि उपायुक्त के नेतृत्व में जिले में सफलतापूर्वक पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा जिससे यहां के बच्चे व माताओं को कुपोषण से दूर रखा जा सके. इसका उद्देश्य 6 वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के पोषण की स्थिति में सुधार लाना है ताकि कम वजन वाले शिशुओं, अल्प-पोषण, एनीमिया आदि में कमी जैसे विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके. वहीं एमजीएम की डायटिशियन अनु सिन्हा ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध साक-सब्जियों तथा उचित पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्रियों की जानकारी दी. उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि पोषण माह के दौरान इसके थीम महिला एवं स्वास्थ्य, बच्चा एवं शिक्षा-पोषण भी पढ़ाई भी, लैंगिक संवेदनशीलता, जल संरक्षण एवं प्रबंधन तथा जनजातीय क्षेत्रों में महिला एवं बच्चों के लिए उपलब्ध पारंपरिक खाद्य सामग्रियों के संबंध में जागरूता को लक्षित कर अभियान चलाया गया.
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सम्मानित हुई सेविका-सहियाएं
इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से जेएसएलपीएस की एसएचजी, आंगनबाड़ी वर्कर, प्रखंड स्तर के पदाधिकारी, एमओआईसी, एएनएम तथा ग्राउंड लेवल पर कार्यरत अन्य सरकारी कर्मियों द्वारा अपनी भागीदारी निभाई गई. जिससे लोगों में इसके प्रति जागरूकता हो. पोषण पंचायत के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को जोड़ा गया. योग क्यों जरूरी है इसकी भी जानकारी लोगों को दी गई. पोषण माह के दौरान आयोजित पेंटिंग, मेंहदी, पोस्टर, भाषण प्रतियोगिता के विजेता आंगबाड़ी सेविका/सहायिका, तेजस्विनी क्लब की किशोरी व सहिया को सम्मानित किया गया. इस दौरान कुछ गर्भवती महिलाओं की गोदभराई करायी गई. साथ ही नवजातों का अन्नप्रासन कराया गया. कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, जिला पंचायती राज पदाधिकारी डॉ रजनीकांत मिश्रा, सभी प्रखडों की सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, बड़ी संख्या में आंगबनाड़ी वर्कर आदि उपस्थित थे.
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