Jamshedpur: कोल्हान प्रमंडल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अपनी कारस्तानियों के कारण आये दिन सुर्खियों में रहता है. सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमजीएम अस्पताल की चाईल्ड केयर यूनिट में एक इनक्यूीबेटर पर 4-5 बच्चों को रखने के कारण एक वर्ष में 659 नवजात की मौत हो गयी. दरअसल, एक ही इनक्यूनबेटर पर 4-5 बच्चों को रखने के कारण स्वस्थ बच्चे भी गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं. इससे उनकी मौत असमय हो जा रही है.
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1 मार्च 2020 से लेकर 2 नवंबर 2021 के बीच की है घटना
इस संबंध में जमशेदपुर की सामाजिक संस्था बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के संयोजक सदन ठाकुर ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत एमजीएम अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि कोरोनाकाल के दौरान विगत 1 मार्च 2020 से लेकर 2 नवंबर 2021 के बीच कुल 659 बच्चों की मौत एमजीएम अस्पताल स्थित चाईल्ड केयर यूनिट के इनक्यूबेटर में एक साथ 4-5 बच्चों को रखने के कारण हुई. मृत्यु का कारण बताया गया कि अस्वस्थ बच्चों के संपर्क में आकर स्वस्थ बच्चों की भी मौत हो जा रही है. इस बाबत सदन ठाकुर ने पत्र लिखकर भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव, राज्य के स्वास्थ्य सचिव एवं जिला उपायुक्त को वस्तुस्थिति से अवगत कराया एवं कारवाई करने की मांग की.
सूचना के अधिकार के तहत पांच बिंदुओं पर मांगी जानकारी
2 नवंबर 2021 को सूचना के अधिकार के तहत एमजीएम अस्पताल प्रबंधन से चाईल्ड केयर यूनिट से संबंधित पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी थी. अस्पताल प्रबंधन ने जो जानकारी उपलब्ध कराई वह चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि एक ही इनक्यूचबेटर पर 4-5 बच्चों का इलाज कैसे संभव है. इतने बड़े अस्पताल में इस प्रकार की लापरवाही को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है. नवजात शिशुओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना अपराध है. श्री ठाकुर ने कहा कि बच्चों की मौत के पीछे शामिल दोषियों के विरुद्ध समुचित जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.
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