- करनडीह में अखिल भारतीय झारखड पार्टी का दो दिवसीय महाधिवेशन शुरू
Jamshedpur (Sunil Pandey) : अखिल भारतीय झारखड पार्टी का दो दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन शनिवार को करनडीह स्थित गुरू गोमके सभागार में शुरू हुआ. अधिवेशन में झारखंड, प. बंगाल के अलावे अन्य प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. केंद्रीय अध्यक्ष गणेश टुडू (अधिवक्ता) ने बताया कि पार्टी चार संकल्प लेकर काम कर रही है. महाधिवेशन के पहले दिन झारखंड की दशा एवं दिशा पर चर्चा हुई. सभी वक्ताओं ने कहा कि झारखंड आज अग्रणी राज्य की श्रेणी में आ सकता था. लेकिन किसी ने हाथी उड़ाया, तो कोई यहां की खनिज संपदा की लूट में व्यस्त रहा. जिसके कारण आज भी झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में खड़ा है.
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वक्ताओं ने कहा कि अब समय आ गया है, झारखंड पार्टी अपने पुराने तेवर में लौटे. सभी ने सुनियोजित तरीके से आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने पर बल दिया. जिससे पार्टी की झारखंड में खोई हुई प्रतिष्ठा वापस आ सके. इसलिए पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा वृहद् झारखंड की लड़ाई जारी रखने, जरूरत पड़ी तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का निर्णय लिया गया.
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वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2000 में झारखंड प्रदेश का गठन तो किया गया, लेकिन इसमें कई हिस्सों को शामिल नहीं किया गया. जिसमें झारखंड से सटे प. बंगाल एवं ओडिशा के हिस्से शामिल हैं. इसके लिए पार्टी वृहद् स्तर पर आंदोलन करेगी. महाधिवेशन में लंबे समय से आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मांग, झारखंड के युवाओं को स्थानीय कंपनियों में उपेक्षा, झारखंड आंदोलनकारियों का मान सम्मान समेत कई बिंदुओं पर चर्चा की गई. महाधिवेशन में लाला विजय नाथ शाहदेब, फागू बास्के, पंचानंद सोरेन, साबिर सोरेन, जॉन कच्छप, बिल्सन पूर्ति, लखन मुर्मू, विजय दास, धर्मपाल सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे.