Dharmendr Mishra
Jamshedpur : वर्तमान समय में अच्छे कॉलोनी में घर मिलना आसान है, अच्छे पड़ोसी भी मिल सकते हैं, लेकिन किसी अच्छे स्कूल में बच्चे का एडमिशन होना युद्ध जीतने के बराबर है. उपायुक्त के निर्देश पर शहर के सभी स्कूल 22 जनवरी को ही नर्सरी और एलकेजी में ए़डमिशन के लिए रिजल्ट जारी करेंगे. सभी स्कूल रिजल्ट अपने वेबसाइट पर जारी करेंगे. स्कूल नोटिस बोर्ड पर भी रिजल्ट लगा देते हैं. इससे अभिभावकों को परेशानी नहीं होती है. स्कूल अपना रिजल्ट सुबह आठ बजे से लेकर अपराह्न तीन बजे के बीच जारी करेंगे. स्कूलों ने लॉटरी करनी शुरू कर दी है. अधिकतर स्कूलों में ऑनलाइन लॉटरी होती है, जबकि डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर, मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल में अभी भी ऑफलाइन लॉटरी निकाली जाती है. अच्छे स्कूल में ए़डमिशन के लालच में अभिभावक तीन से चार स्कूलों में फॉर्म भरते है. इससे किसी बच्चे का एक से ज्यादा स्कूलों में नाम आ जाता है तो किसी बच्चे एक भी स्कूल में भी नाम नहीं आता है. शिक्षा विभाग के अनुसार शहर में आईसीएसई और सीबीएसई के लगभग 68 स्कूल हैं, जिनकी इंट्री कक्षा में लगभग 8 हजार सीटें हैं. प्रत्येक स्कूल प्रबंधन द्वारा अपने स्कूल की क्षमता से 3 से 4 गुणा अधिक फॉर्म बेचते हैं. एक फॉर्म की कीमत 250 रुपए होती है, इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि केवल ए़डमिशन फॉर्म बेच कर ही स्कूल लाखों रुपए की कमाई करते हैं. लगभग एक लाख अभिभावक इन स्कूलों में अपने बच्चों के दाखिला के लिए भाग्य आजमाते हैं.
प्रतिष्ठित स्कूलों के लिए सबसे ज्यादा मारामारी
शहर में 68 छोटे बड़े निजी अंग्रेजी स्कूल हैं, लेकिन टॉप 10 स्कूलों में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहती है. हर अभिभावक की कोशिश होती है कि किसी तरह उनके बच्चे का दाखिला इन स्कूलों में हो जाए. इसके लिए वे न केवल सिफारिश करते हैं, बल्कि कई बार दलालों के चंगुल में भी फंस जाते हैं.
इन स्कूलों में दाखिले के लिए सबसे मारामारी
आईसीएसई स्कूल : लोयोला स्कूल, कारमेल जूनियर कॉलेज, सेक्रेट हॉर्ट कॉन्वेंट, डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल, लिटिल फ्लावर स्कूल, हिल टॉप स्कूल, केरला समाजम मॉडल स्कूल,राजेन्द्र विद्यालय,मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल.
सीबीएसई स्कूल : डीएवी पब्लिक स्कूल बिष्टुपुर, विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, जमशेदपुर पब्लिक स्कूल न्यू बारीडीह.
एडमिशन के लिए प्रबंधन पर रहता है दबाव
प्रतिष्ठित स्कूलों में एडमिशन के लिए प्रबंधन पर काफी दबाव रहता है. एक प्रतिष्ठित स्कूल की प्राचार्य ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर लगातार न्यूज को बताया कि सीट की संख्या तो सीमित है, लेकिन हर अभिभावक चाहता है कि शहर के प्रतिष्ठित स्कूल में ही उनके बच्चे का एडमिशन हो. यह स्टेटस सिंबल भी बन गया है. प्रबंधन पर राजनीतिक लोगों का अनावश्यक दबाब रहता है, जबकि प्रशासन का सहयोग मिलता है. वहीं मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल की प्राचार्य आशु तिवारी ने लगातार न्यूज से कहा कि हमारे स्कूल में पिछले 3 वर्षों से ऑफ लाइन लॉटरी निकाली जा रही है. शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि की उपस्थिति में लॉटरी का आयोजन किया जाता है. फॉर्म देते समय यह जरूर ध्यान दिया जाता है कि बच्चे स्कूल के नजदीक हों, जिससे स्कूल द्वारा कराए जाने वाले एक्टिविटी में वह शामिल हो सके. प्रबंधन स्कूल चलाता है इसलिए कुछ सीट प्रबंधन के लिए सुरक्षित होता है. जिला प्रशासन की ओर से कोई दबाव नहीं रहता.
प्रबंधन कोटे की सीट पर होती है सबकी नजर
निजी अंग्रेजी स्कूल में नर्सरी में एडमिशन के लिए प्रबंधन कोटे की सीट का ही अहम् रोल होता है. प्रबंधन कोटे की सीट पर ही जिला प्रशासन हों या राजनेता सबकी नजर होती है. प्रबंधन कोटे की सीट की बोली लगती है. ऐसे में कुछ एजेंट जिनका प्रबंधन से मधुर संबंध है उनका बाजार गर्म हो जाता है. एक एडमिशन के लिए 50 हजार से एक लाख रुपए तक एजेंट अभिभावक से लेते हैं. वहीं रसूखदार राजनेता अपने प्रभाव से एडमिशन करवा लेता है. एक प्रतिष्ठित स्कूल की प्रचार्य ने बताया कि नर्सरी में एडमिशन के राजनेताओं का अनावश्यक दबाव रहता है. उससे ही ज्यादा परेशानी होती है, उनको नकारना भी मुश्किल होता है.
असमंजस की स्थिति में अभिभावक
शहर के निजी अंग्रेजी स्कूल में एडमिशन को लेकर अभिभावक असमंजस की स्थिति में है. सभी स्कूलों द्वारा 22 जनवरी को लिस्ट जारी किया जाएगा. लिस्ट में बच्चे का नाम निकल जाए. इसके लिए अभिभावक द्वारा हर प्रकार से प्रयास किए जा रहे हैं. बिरसानगर निवासी एक अभिभावक जगदीप सिंह ने बताया कि हमने अपने बच्चे के लिए तीन स्कूल में फॉर्म भरा है. लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे का एडमिशन जेपीएस स्कूल में हो जाए. यह हमारे घर के नजदीक हैं. उन्होंने बताया कि लॉटरी सिस्टम में भरोसा नहीं हो पा रहा है, लेकिन क्या कर सकते हैं यही नियम है तो इसका ही पालन करना होगा. साकची निवासी महेश गिरी और उनकी पत्नी सविता ने बताया कि हम बच्चे का एडमिशन के लिए चार स्कूलों में फॉर्म भरा है. हमारी इच्छा तो राजेन्द्र विद्यालय में अपने बच्चे का एडमिशन करने का है. अब देखते हैं 22 जनवरी को क्या होगा. असमंजस वाली स्थिति है. हमारी कोई पैरवी भी नहीं है. उम्मीद करते हैं कि राजेन्द्र विद्यालय में एडमिशन हो जाएगा.
शहर के स्कूलों में 1534 बीपीएल सीट है आरक्षित
जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने बताया कि शहर के प्रतिष्ठित प्राइवेट अंग्रेजी स्कूलों में बीपीएल परिवार के लिए 25% सीटें आरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि शहर के स्कूलों में 1534 सीट बीपीएल परिवार के लिए आरक्षित हैं. प्रथम दौर में 815 परिवार ने आवेदन जमा किया है जिसकी जांच चल रही है. 24-25 जनवरी को दूसरे दौर में पुनः आवेदन जमा लिए जाएंगे. आवेदनों की जांच के बाद विभाग द्वारा सूची स्कूल को भेज दी जाएगी.