Jamshedpur : पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने बयान जारी कर कहा है कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है. इस दिवक को आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से संकल्प दिवस के रूप में मनाया जायेगा. संकल्प दिवस सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि बिहार, ओड़िशा असम में भी मनाया जायेगा. संकल्प दिवस के बाद आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से 5 प्रमुख मांगों की 250 प्रखंड के बीडीओ के मार्फत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा जायेगा.
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ये हैं पांच मांगें
दिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम (TSRS) में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश करने, भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को “सरना धर्म कोड” को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल करने, भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) बड़ी आदिवासी भाषा-संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन, 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश (दिशोम) मूलतः आदिवासी प्रदेश है. आदिवासियों का गढ़ है. इसको लुटने- मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय करने संबंधी मांगें शामिल हैं.
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