Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्री राम मंदिर प्रांगण में शुक्रवार को एशियाई ज्योतिष सम्मेलन का आगाज हुआ. ज्योतिष शिक्षण संस्थान जमशेदपुर के विद्यार्थियों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ हुआ उद्घाटन सत्र की शुरुआत की. मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री सह वर्तमान विधायक सहरसा डॉ आलोक रंजन समेत मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उदघाटन किया. देश-विदेश व बड़ी संख्या में उपस्थित स्थानीय ज्योर्तिविदों को संबोधित करते हुए डॉ आलोक रंजन ने इस कार्यक्रम के संचालक प्रो एसके शास्त्री के ज्योतिष शस्त्र के क्षेत्र में योगदान की सराहना की.
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विद्यार्थियों को हो सकता है लाभ
उन्होंने कहा कि जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने और उसकी सफलता ज्योर्तिविदों की सलाह काफी लाभप्रद होती है. साथ ही उन्होंने कहा कि डॉक्टर एवं मरीज की कुंडलियों के मिलान उपरांत इलाज सफल होता देखा गया है. उसी प्रकार से यदि सभी संस्थाएं अपनी भर्ती प्रक्रियाओं में भी यदि अभ्यर्थी की कुण्डली से संस्था का तालमेल बैठाकर ज्योतिष सामंजस्य अनुरूप परामर्श लें तो दोनों यथा अभ्यर्थी एवं संस्था को विशेष लाभ मिलेगा. इसी तरह यदि स्कूल कॉलेज जैसे संस्थान भी विद्यार्थियों के लिए ज्योतिष परामर्श का लाभ उपलब्ध कराएंगे तो उनको उनके अकादमिक यात्रा के दौरान होने वाले चिंता-अवसाद से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने बताया कि आध्यात्मिक स्वरुप में ज्योतिष को मन, शरीर, और आत्मा के तृतीयक संबंध को समझने का एक सटीक माध्यम माना जाता है, जिससे व्यक्ति अपनी आत्मा की ऊंचाइयों की ओर बढ़ सकता है. वर्तमान परिदृश्य में ज्योतिष शास्त्र की व्यापकता के वाबजूद इसे वैज्ञानिक समुदाय में स्वीकृति सहज रूप से नहीं है बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लेकर ही ग्रहों के प्रभाव का सामर्थ्य को पूर्ण रूप से मानने वाले लोग हैं। लेकिन यह भी सत्य है की जहां विज्ञान समाप्त होता है वहां से ज्योतिष विज्ञान शुरू होता है और ज्योतिष विज्ञान और अध्यात्म दोनों का समन्वय है. अतः यह शास्त्र काफी महत्वपूर्ण हो जाता है और इसी वजह से शास्त्र से जुड़े ज्योतिर्विदों का पुरातन से ही समाज में अलग व सम्मानजनक स्थान है.
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अतिथियों ने साझा किये अनुभव
उद्घाटन सत्र मे मुख्य अतिथि के आलवा अतिथि के रूप में नेपाल से आए आचार्य लक्ष्मण पती, दिल्ली से ये डॉ भारत भूषण भारद्वाज एवं स्थानीय मुरलीधर केडिया, डॉ तपन राय ने भी अपने अनुभवों को साझा किए.
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पुस्तक का विमोचन
उद्घाटन उपरांत केसर के संस्थापक प्रो एस के शास्त्री ने हिन्दी एवं बांग्ला में रचित पुस्तक “हस्तरेखा संजीवनी” का विमोचन किया गया. उद्घाटन के उपरांत विदेशो से आए ज्योतिषियों को सम्मानित किया गया.
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हस्तरेखा में शोध को साझा किये गये
इस वर्ष अबतक बांग्लादेश, नेपाल से कई ज्योतिषीगण पहुंच चुके हैं. आने वाले दो दिनों में विदेशों यथा श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, कनाडा व अन्य देशों से ज्योतिषियों के आने की संभावना है. दूसरे सत्र में आए हुए ज्योतिषियों ने हस्तरेखा में अपने ज्ञान एवं शोध को साझा किए.
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निःशुल्क परामर्श
इनके अलावा कई स्थानीय लोगों नेशाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक नि:शुल्क ज्योतिष परामर्श का लाभ उठाने के लिए पंजीयन करवाया. नि:शुल्क ज्योतिष परामर्श शनिवार को भी शाम 5 बजे से किया जाएगा, जिसमे आने वाले जातक लाभ उठा सकते हैं.