Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर वीमेंस यूनिर्सिटी में संविदा के आधार पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गयी है. यूनिवर्सिटी की ओर से नियुक्ति के संबंध में पिछले नवंबर-दिसंबर माह में विज्ञापन का प्रकाशन किया गया था. विज्ञापन में आरक्षण रोस्टर का ध्यान नहीं रखा गया था. इस संबंध में हिंदी दैनिक “शुभम संदेश” ने प्रमुखता से “यूनिवर्सिटी में शिक्षक-कर्मचारी नियुक्ति में आरक्षण दरकिनार” शीर्षक समाचार का प्रकाशन किया था.
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इस समाचार के माध्यम से अभ्यर्थियों के द्वारा आवाज उठाये जाने और उनकी आवाज दबाने के लिए विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों उन्हें धमकाने का भी जिक्र किया गया था. बता दें कि विश्वविद्यालय में पूर्व से जो संविदा आधारित शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें एजेंसी के अधीन कर दिया गया है. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन पुनः संविदा आधारित शिक्षकों और कर्मचारियों की बहाली करने की तैयारी में है.
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केंद्रीय मंत्री से की थी शिकायत
इस मामले में अभ्यर्थियों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी पत्र लिखा था. पत्र में विश्वविद्यालय के कुलसचिव और कुलपति पर धमकाने का आरोप लगाया गया था. साथ ही बताया गया था कि आरक्षण रोस्टर का पालन किये बगैर ही विज्ञापन का प्रकाशन कर दिया गया है.
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क्या है कारण
दरअसल वीमेंस यूनिवर्सिटी में संविदा पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति अब आरक्षण रोस्टर में फंस गई है. आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी के कारण नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है. आरक्षण रोस्टर का ध्यान नहीं रखे जाने के कारण अब आनन-फानन में अधिसूचना जारी कर नियुक्ति की प्रक्रिया रोक दी गई है. अधिसूचना में विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के लिए तकनीकी कारणों का हवाला दिया गया है.