Jamshedpur : मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में अवैध बालू के उत्खनन एवं परिवहन के खिलाफ रोक लगाने के निर्देश का पालन करते हुए जिला प्रशासन द्वारा छापेमारी की जा रही है. इस कारण पूर्वी सिंहभूम जिले में बालू का संकट उत्पन्न हो गया है. जिले में बालू संकट से सीधे तौर पर आधारभूत संरचना से संबंधित निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं. भवन निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट भी अधर में लटक गए हैं.
इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर : लीज-डीड व ऋण संबंधी अधूरे कार्यों की पेंडिंग सुलझाने के लिये जियाडा ने लगाया शिविर
गाड़ी मालिकों ने बालू ढुलाई पर लगाई रोक
जिला प्रशासन द्वारा छापेमारी कर बालू ढुलाई में दर्जनों वाहन के जब्त कर लिया गया है. वहीं उनसे लाखों रुपए जुर्माना वसूला गया है. जिला प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी के कारण गाड़ी मालिकों ने बालू ढुलाई पर रोक लगा दी है. इसके कारण जिले में बालू का संकट उत्पन्न हो गया है. 17 हजार रुपए में मिलने वाला एक हाइवा बालू की कीमत 30 से 35 हजार रुपए हो गई है. उसके बावजूद बालू उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
इसे भी पढ़ें : चाकुलिया : विधायक की पहल पर बदले जा रहे हैं बिजली के जर्जर खंभे
पूरे राज्य में बालू का संकट गहराया
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जमशेदपुर शाखा के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के कारण पूरे राज्य में बालू का संकट उत्पन्न हुआ है. प्रत्येक वर्ष 10 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी द्वारा बालू उठाव पर रोक लगाई जाती है. इसको लेकर सरकार को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए थी. पिछले एक वर्ष से राज्य में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं किए जाने के कारण ही बिल्डर्स और ठेकेदार बालू संकट से जूझ रहे हैं.