Jamshedpur (Vishwajeet Bhatt) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर चक्रधरपुर के युवा नेता कमलदेव गिरि की हत्या की जांच सीबीआई से करने की मांग की है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि कमलदेव गिरि युवा हिन्दूवादी नेता थे. ये अपने क्षेत्र में समाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यों में सक्रिय थे. कमलदेव गिरि की क्षेत्र में लगाव एवं लोकप्रियता एक समुदाय को बर्दाश्त नहीं हो रही थी. वे लोग इन्हें अपने अवैध एवं असंवैधानिक गतिविधियों के मार्ग में रोड़ा समझते थे. इन्हें रास्ते से हटाने के लिए इनकी 12 नवंबर 2022 की शाम बोतल बम मारकर हत्या कर दी गई. जब वे चक्रधरपुर में भारतीय जनता पार्टी के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात कर वापस घर लौट रहे थे.
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हत्या के बाद पूरे चक्रधरपुर समेत आस-पास के जिलों में आक्रोश उत्पन्न हो गया. राज्य के उभरते नेता की सरेआम हत्या से लोग दुखी हैं. उनकी हत्या के विरोध में 15 नवंबर 2022 को चक्रधरपुर बंद का व्यापक रूप से असर रहा. इनकी हत्या करने वाले चक्रधरपुर में डर का माहौल कायम कर रहे हैं. पुलिस इनकी हत्या में शामिल अपराधियों को अब तक चिन्हित कर गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. उल्लेखनीय है कि कमलदेव को हत्या के 15 दिन पूर्व फोन पर अज्ञात अपराधियों ने जान से मारने की धमकी दी थी, जिसकी सूचना उन्होंने संबंधित थाने एवं एसपी व डीसी को दी थी. उन्होंने अपने ऊपर कोई अनहोनी घटना घटित होने का संकेत देते हुए अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा मांगी थी.
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स्व. गिरि के इन तथ्यों को पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील होकर संज्ञान में ले लिया गया होता तो उनकी हत्या नहीं होती. कमलदेव के हत्यारे की अभी तक पहचान कर गिरफ्तारी नहीं होना राज्य की सत्तारूढ़ हेमन्त सोरेन सरकार का अपराधियों को संरक्षण परिलक्षित होता है. वर्तमान सरकार राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं, हिन्दूवादी नेताओं की चुन-चुन कर हत्या कराने पर आमादा हो गई है. कमलदेव की हत्या में भाड़े के दुर्दांत अपराधियों का सहयोग लेने की भी आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. पुलिस ऐसी घटनाओं के मामले में मूकदर्शक बन बैठी है.
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यहां पर यह भी उल्लेख करना उचित है कि तीन वर्ष पूर्व पिछली भाजपा सरकार ने राज्य एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में राज्य के सभी जिलों में लगभग 1000 दुर्दांत अपराधियों व नक्सलियों पर सीसीए, एनएसए लगाकर राज्य की जेलों में बंद किया था तथा अपराधियों की स्पीडी ट्रायल के माध्यम से न्यायालय द्वारा उनके विरुद्ध वादों की सुनवाई कर कानून एवं विधि व्यवस्था को काफी नियंत्रित किया था. इस व्यवस्था से राज्य में अपराध का ग्राफ काफी कम हो गया था. उक्त अवधि में सीसीए, एनएसए के नाम से अपराधियों में भय उत्पन्न हो गया. हिन्दूवादी युवा नेता कमलदेव गिरि की निर्मम हत्या राजनीतिक हत्या है. इसमें संलिप्त व्यक्तियों की पहचान केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराने की आवश्यकता है, ताकि इस हत्या को अंजाम देने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके.