- होनहार सिख युवती रविंदर कौर का होगा सम्मान, नेत्र जांच शिविर भी लगेगा
Jamshedpur (Ratan Singh) : पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाशोत्सव को समर्पित सेंट्रल दीवान का आयोजन 30 नवंबर को किया जायेगा. इसमें नगर कीर्तन में उत्कृष्ट सेवा करने वाले जत्थों, स्कूलों तथा अन्य संस्थाओं को पुरस्कृत किया जायेगा. सेंट्रल दीवान सीजीपीसी के तत्वाधान में साकची गुरुद्वारा साहिब में गुरुवार को आयोजित होगा. सेंट्रल दीवान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान भगवान सिंह ने बताया कि पिछले दिनों शिक्षा के क्षेत्र में अतिश्रेष्ठ प्रदर्शन पर लाखों का सालाना पैकेज हासिल कर सिख कौम का नाम रौशन करने वाली शहर की बेटी रविंदर कौर को उनकी उपलब्धि के लिए सम्मानित किया जायेगा. रविंदर कौर का सम्मान होने से पूरी सिख कौम गौरवान्वित होगी साथ ही साथ और बच्चे भी प्रेरित होंगे. सीजीपीसी के दोनों महासचिव अमरजीत सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला ने बताया प्रकाशोत्सव पर नगर कीर्तन में अतुल्य सेवा करने वाले जत्थे, स्कूल और अन्य संस्थाओं के अलावा समाज के कई गणमान्य लोगों को भी सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया जायेगा.
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गोविन्द भवन में लगेगा नेत्र जांच शिविर
चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने आह्वान किया कि नगर कीर्तन को ऐतिहासिक बनाने के बाद अब सिख संगत बड़ी संख्या में हाजरी भर सेंट्रल दीवान को सफलतम बनायें. उन्होंने जमशेदपुर के सभी सिखों से सेंट्रल दीवान में शिरकत करने का निवेदन किया. महासचिव अमरजीत सिंह ने बिष्टुपुर गुरुद्वारा साहिब जी टाउन के सभी कमेटी सदस्यों का सहृदय आभार जताया. कहा कि इन्हीं की बदौलत नगर कीर्तन की रवानगी इतनी भव्य संभव हो पायी और वे इस एतिहासिक पल के भागीदार बने. उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी के जन्म दिहाड़े को समर्पित नेत्र जांच शिविर भी साकची गुरुद्वारा के अधीन गोविन्द भवन में पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से लगाया जायेगा.
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पुरस्कार वितरण के बाद श्रद्धालु छकेंगे लंगर
सम्मान समारोह और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम से पूर्व अरदास उपरांत सुबह 10 बजे सेंट्रल दीवान सजेगा. हजूरी रागी संदीप सिंह साकची वाले सुबह दस बजे से दस पैंतालीस तक व दस पैंतालीस से साढ़े गयारह बजे तक सरदार कवलंजीत सिंह नूर गुरवाणी-कीर्तन कर संगत को गुरु चरणों से जोड़ेंगे. जबकि सरदार सुरजीत सिंह साढ़े ग्यारह से सवा बारह बजे तक संगत को गुरु ग्रन्थ साहिब की बाणी से निहाल करेंगे. साढ़े बारह बजे से पुरस्कार वितरण कार्यक्रम चलेगा. इसके उपरांत श्रद्धालु पंगत में बैठ कर प्रसाद के रूप में गुरु का अटूट लंगर छकेंगे.