Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : लोक आस्था का महापर्व छठ देशभर में शुक्रवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. शहर में हर तरफ बजते छठ के गीत से माहौल पूरा भक्तिमय हो गया है. वहीं, विभिन्न संगठनों द्वारा छठ व्रतियों के बीच लौकी व कद्दू का वितरण भी किया गया. भगवान सूर्य व छठी माता को समर्पित छठ पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. छठ पूजा में संतान, स्वास्थ्य, सफलता व दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. छठ पूजा की शुरुआत चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय-खाय के साथ होता है. इस दिन महिलाएं घर में चने की दाल, लौकी की सब्जी और अरवा चावल प्रसाद के रूप में बनाती हैं.
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षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्ध्य
नहाय-खाय के बाद दूसरे दिन खरना में व्रती दिन भर उपवास रख संध्या समय में गुड़ की खीर और रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं. साथ ही इस प्रसाद को लोगों में वितरित भी किया जाता है. प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठ व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. तत्पश्चात कार्तिक महीने के षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को फल, फूल व विभिन्न प्रकार के प्रसाद से सुसज्जित बांस के बने सूप से अर्ध्य दिया जाता है. व्रती महिलाएं या पुरुष पानी में खड़े होकर अर्ध्य देते हैं. वहीं, सप्तमी के दिन व्रती द्वारा सुबह में उगते हुए भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के साथ महापर्व छठ संपन्न होता है.
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