Jamshedpur (Vishwajeet Bhatt): जिंदल स्टील एंड पावर अंगुल ओडिशा में इंजीनियर चिरंजीवी राय की किताब ‘रिलायबिलिटी टूल किट’ (ए हैंडबुक फॉर मेंटेनेंस प्रैक्टिशनर्स) देश के लाखों मेंटेनेंस प्रैक्टिशनर्स को नया रास्ता दिखाएगी. इस किताब को पढ़ने वाले की क्षमता में गुणात्मक वृदि्ध तो होगी ही, उनको अपना काम कम से कम समय में करने में भी सहायता मिलेगी. समय बचेगा और कंपनियों को भी बहुत हद तक फायदा होगा. इस किताब का विमोचन बुधवार को चिरंजीवी के जन्मदिन पर जिंदल स्टील एंड पावर चीफ एचआर ऑफिसर पंकज लोचन ने किया. इस मौके पर चिरंजीवी के पिता सेवानिवृत्त कर्नल कृष्ण मोहन राय, माता आर्मी पब्लिक स्कूल रांची की संचालिका निशा राय और बड़ी बहन बेंग्लूरू की कंसल्टेंसी कंपनी ईवाई में कंसल्टेंट नूपुर राय भी मौजूद थीं.
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नौकरी करते हुए तीन महीने में पूरी की किताब
23 वर्ष के चिरंजीवी ने बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा आर्मी स्कूल रांची में हुई और उन्होंने वीआईटी वेल्लोर से इलैक्टि्रकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग किया. जुलाई 2021 में जब उन्हें जिंदल में नौकरी मिली तो उनको जिंदल के रायगढ़ प्लांट में इलेक्टि्रकल शिफ्ट इंचार्ज की जिम्मेदारी मिली. इसी दौरान चिरंजीवी ने कंपनी के चीफ एचआर ऑफिसर पंकज लोचन की किताब डेली मैनेजमेंट पढ़ी. इसमें एक अध्याय मेंटेनेंस पर था. इससे चिरंजीवी को अपने काम में बहुत मदद मिली. चिरंजीवी ने इस किताब से जो भी पढ़ा उसको अपने काम के दौरान आजमाया और महसूस किया कि जो भी टूल्स हैं उनके बारे में हर मेंटेनेस प्रैक्टिशनर्स को जानना चाहिए. फिर इसी विषय पर उन्होंने किताब लिखने का निश्चय किया और नौकरी करते हुए तीन महीने में अपनी किताब पूरी कर ली. किताब अमेजन पर उपलब्ध है और इसकी कीमत 300 रुपये है. चिरंजीवी ने नौकरी के दौरान ही तीन महीने में अंग्रेजी में अपनी यह किताब लिख डाली. उल्लेखनीय है कि चिरंजीवी के पिता कर्नल कृष्ण मोहन राय अभी कुछ महीनों पहले ही जमशेदपुर के सोनारी आर्मी कैंप से सेवानिवृत्त हुए हैं. अब वे रांची में ही निवास करते हैं.
किताब में यह है खास
-किताब में मेंटेनेंस को लेकर बहुत ही बारीक जानकारियां एकदम सरल भाषा में दी गई हैं.
-इसमें कई मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट के उदाहरण केस स्टडी के साथ दिए गए हैं.
-किसी भी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में एक साथ कई दिक्कतें आती हैं. किताब में बताया गया है कि प्राथमिकता के आधार पर कैसे और कब दिक्कतों को दूर किया जाए.
-किताब में चिरंजीवी ने अपने कार्य के दौरान किए गए अनुभवों को भी साझा किया है.
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