Jamshedpur (Ashok Kumar) : शहर के मानगो, कदमा, सिदगोड़ा, सोनारी, टेल्को और गोलमुरी के बाद अब परसुडीह थाना क्षेत्र के ग्वाला बस्ती में चिटफंड घोटाला का मामला सामने आया है. इसका उद्भेदन तब हुआ जब रुपये मिलने का समय आने के बाद भी रुपये नहीं दिया जाने लगा. सूचना मिलते ही परसुडीह पुलिस ने बस्ती में जाकर छापेमारी की. हालाकि पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया है, लेकिन पुलिस चिटफंड खेलानेवाले संचालकों की सरगर्मी से तलाश कर रही है.
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एक करोड़ से ज्यादा का होता है रोजाना कारोबार
परसुडीह के ग्वाला बस्ती के बारे में लोगों का कहना है कि यहां पर रोजाना एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार होता है. सिर्फ इसी बस्ती में दर्जन भर से ज्यादा लोग अलग-अलग जगहों पर इसका संचालन करते हैं. सिर्फ एक जगह पर रोजाना 20 लाख रुपये से ज्यादा जमा होता है.
फंसने के भय से संचालकों ने की बैठक
इस मामले में वे कहीं फंस नहीं जाये. इसको लेकर संचालकों ने बुधवार को बस्ती में बैठक की. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि वे हर हाल में एक बात पर ही अडिग रहेंगे. इसमें अगर फंसने की बात आयी तो वे खेल का संचालन करने से साफ मुकर जायेंगे.
रुपये डूबने के भय से मुंह नहीं खेलते लोग
चिटफंड घोटाले में कहीं रुपये नहीं डूब जाये. इसको ध्यान में रखते हुए अधिकांश लोग अपना मुंह नहीं खोलना चाहते हैं. हालाकि मामला सामने आने के बाद पूरे परसुडीह थाना क्षेत्र में ही इसकी चर्चा होने लगी है. लोग चौक-चौराहों पर सिर्फ इसी बात की चर्चा कर रहे हैं.
लठैत देते हैं संरक्षण
जानकार लोगों का कहना है कि परसुडीह इलाके में जहां पर भी चिटफंड का संचालन किया जाता है वहां पर संचालकों की ओर से लठैत रखा गया है. लठैत ही इसका पूरा जिम्मा लेते हैं. लठैतों के डर से कोई भी अपना मुंह नहीं खोलना चाहता है. इसकी जानकारी अब परसुडीह पुलिस को मिली है तब इस दिशा में पहल करनी शुरू की गयी है.
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