Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा देशव्यापी सात दिवसीय “विरोध सप्ताह कार्यक्रम” का मंगलवार को समापन हो गया. इस अवसर पर साकची बिरसा चौक में केंद्रीय बजट के विरोध में नुक्कड़ सभा का आयोजन हुआ. माकपा के जिला सचिव कॉ0 जेपी सिंह ने बताया कि केंद्रीय बजट 2023 दरअसल आम जनता के खिलाफ एक शैतानी साजिश मात्र है. मिसाल के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में खाद्य, उर्वरक और ईंधन पर सब्सिडी के तहत जो खर्च अनुमानित हैं. उससे प्रस्तावित बजट 2023-24 में 1.47 लाख करोड़ रुपए की भारी कटौती की गई है. इसलिए अगले वित्तीय वर्ष के दौरान अनाज, उर्वरक और एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में वृद्धि अपरिहार्य हैं. बजट प्रस्तावों में सब्सिडी में कटौती के अलावा किसान सम्मान निधि, फसल बीमा जैसी योजनाओं में या तो कटौती की गई है या अपर्याप्त निधि आवंटन के प्रस्ताव किए गए हैं.
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आवश्यक वस्तु पर लगी जीएसटी वापस लेने की मांग
कॉ0 मजूमदार ने आरोप लगाया कि बजट प्रस्ताव में आदिवासियों के हितों की न सिर्फ अनदेखी की गई है बल्कि तथाकथित कल्याण के नाम पर दरबारी कॉर्पोरेट द्वारा धन की लूट के लिए दरवाजे खोल दिए गए हैं. कॉ0 विश्वजीत ने बजट प्रस्ताव पर सवाल उठाये. कॉ0 गुप्तेश्वर ने राजस्व संग्रह में इजाफा करने के लिए, कॉर्पोरेट घरानों को टैक्स में दी जा रही छूट को वापस लेने, बड़े अमीरों की आमदनी और उनके स्थाई संपत्ति पर टैक्स लगाने तथा रोजगार सृजन के लिए आधारभूत परियोजनाओं में निवेश में बढ़ोत्तरी, बढ़ी हुई मजदूरी दर के साथ मनरेगा के लिए ज्यादा फंड उपलब्ध कराने एवं जरूरतमंद जनता के लिए निशुल्क अनाज के साथ अनुदानित दर पर अनाज दिए जाने के साथ-साथ महंगाई रोकने के लिए खाद्य पदार्थ एवं दवाइयों समेत सभी आवश्यक वस्तु पर जारी जीएसटी वापस लेने जैसे मांगों को दोहराया.