Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर में लीज एवं सबलीज भूमि के आवंटन में सरकार की ओर से बनाए गए कानूनों का उल्लंघन किया गया है. उक्त आरोप सामाजिक संस्था जन सत्याग्रह ने लगाया. सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी में नियम एवं शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर संस्था एक शिकायत जिले की उपायुक्त को सौंपकर कार्रवाई की मांग की. संस्था के अध्यक्ष मनजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि जमशेदपुर में टाटा कम्पनी ने जितनी भी लीज या सबलीज वर्ष 2005 के पूर्व या बाद में दी है उन सभी में प्रॉपर्टी एक्ट 1982 की धारा 107 एवं रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 17 का उल्लंघन किया गया है. सरकार को इन सभी लीज या सबलीज से स्टाम्प (राजस्व) की प्राप्ति भी नहीं हुई है. ऐसे में कैसे सरकारी आदेश या स्वीकृति के बिना दूसरे को लीज या सबलीज पर भूमि स्थानान्तरित या बेंच दी गई. उन्होंने उपायुक्त से पूरे मामले की जांच कराकर आवंटन एवं स्थानांतरण को रद्द करने की मांग की
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10444 लोगों को सबलीज पर दी गई है जमीन
सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी में मंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि झारखण्ड सरकार के द्वारा टाटा स्टील कंपनी को लीज पर जमीन दी गयी थी. लेकिन कंपनी अधिकांश जमीनों का स्वयं उपयोग ना करके दूसरे कंपनी को एवं किसी प्रतिष्ठान एवं व्यक्ति विशेष को व्यवसाय या कुछ अन्य कार्य के लिए सबलीज पर दे दी है. जमशेदपुर में लगभग 10,385 लोगो को वर्ष 2005 के पहले एवं 59 लोगों को वर्ष 2005 के बाद जमीन दी गई है. जिसमें प्रोपर्टी एक्ट एवं रजिस्ट्रेशन एक्ट का उल्लंघन किया गया है. सरकार को इन सभी लीज या सबलीज से स्टाम्प (राजस्व) की प्राप्ति नहीं हुई है. वगैर सरकारी आदेश या स्वीकृति के दूसरे को लीज या सबलीज पर भूमि आवंटन या स्थानांतरित करना नियमों के विरूद्ध है.
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वर्ष 2020 में उपायुक्त ने बनायी थी जांच कमिटी
सबलीज पर जमीन दिए जाने एवं इसका उल्लंघन पाए जाने की शिकायत पर वर्ष 2020 में तत्कालिन उपायुक्त ने दो सदस्यीय जांच कमिटी गठित की थी. कमिटी में एडीसी एवं एसडीएम शामिल किए गए थे. कमिटी के सदस्यों ने 59 सबलीज का स्थल निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंपी. लेकिन उक्त रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. साथ ही दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एप्रोप्रियेत मशीनरी कमिटी (एएमसी) का गठन किया था. उक्त कमिटी की अनुशंसा पर ही किसी को सबलीज पर जमीन दी जा सकती थी.
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