Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले में उत्पन्न बालू संकट से सीधे तौर पर आधारभूत संरचना से संबंधित निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं. साथ ही भवन निर्माण से संबंधित प्रोजेक्ट भी अधर में लटक गए है. भूमि अधिग्रहण विस्थापन और पुनर्वास समिति द्वारा एनजीटी में बालू घाट की बंदोबस्ती पर रोक लगाने संबंधी केस दायर किया गया था. जिसके बाद प्रदेश में बालू घाट की बंदोबस्ती पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) कोलकाता बेंच ने अगले आदेश तक रोक लगा दिया है. इस संबंध में बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जमशेदपुर शाखा के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य में लगे बिल्डर्स और ठेकेदारों के समक्ष बालू का संकट उत्पन्न हो गया है. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के लिए बालू सबसे जरूरी चीज है. बालू की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि से निर्माण लागत बढ़ना संभावित है. ऐसे में सीधे तौर पर बिल्डरों व ठेकेदारों को नुकसान होगा.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर: फूलडुंगरी में कार की ठोकर से बाइक सवार तीन घायल
बिल्डर्स और ठेकेदार बालू की संकट से जूझ रहे : प्रभाकर सिंह
प्रभाकर सिंह ने कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के कारण पूरे राज्य में बालू का संकट गहरा गया है. प्रत्येक वर्ष 10 जून से 15 अक्टूबर तक एनजीटी द्वारा बालू उठाव पर लगाया जाता है. इसको लेकर सरकार को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए थी. पिछले एक वर्ष से राज्य में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं किए जाने के कारण ही बिल्डर्स और ठेकेदार बालू की संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा प्रदेश के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव को पत्र लिख कर निर्माण सामग्री के मूल्य को नियंत्रित करने की मांग की गई है.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर : पटमदा चोरी में आरोपी गिरफ्तार, सामान बरामद
कीमत बढ़ने के कारण डिमांड घटी : विवेक सिंह
निर्माण सामग्री सप्लायर विवेक सिंह ने बताया कि एनजीटी द्वारा बालू घाटों की बंदोबस्ती व बालू उठाव पर रोक लगाने के बाद जिले में बंगाल व उड़ीसा से बालू आने के कारण ही बालू की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है. पहले 700 सीएफटी लगभग 14 हजार रुपये में उपलब्ध हो जाता था. लेकिन अब 700 सीएफटी बालू की कीमत लगभग 20 हजार रुपये हो गई है. उन्होंने बताया कि बालू की कीमत बढ़ने से डिमांड भी घटा है.
इसे भी पढ़े : जमशेदपुर : केबुल कंपनी से चोरी करते रंगेहाथ पुलिस ने दबोचा