Jamshedpur (Sunil Pandey) : कई आपराधिक मामलों में आरोपी बनाए गए अमरनाथ सिंह को मानगो पुलिस ने 48 घंटे बाद अंततः छोड़ दिया. हालांकि उसके तीन गुर्गों को मानगो चटाई कॉलोनी और एमजीएम थाना क्षेत्र के बालीगुमा में अरुण पर फायरिंग करने के मामले में जेल भेज दिया. जिन्हें जेल भेजा गया उनमें पंकज बंदर, किशोर रजक और उसका भाई अशोक रजक शामिल है. किशोर ने ही अन्य साथियों के साथ मिलकर सुरेंद्र शर्मा के घर के बाहर फायरिंग की थी. इस मामले में सुरेंद्र के बेटे राहुल कुमार शर्मा के बयान पर किशोर रजक, छोटू रजक उर्फ अशोक रजक, राजा थापा उर्फ नेपाली, प्रदीप सिंह, अमर ठाकुर, कुणाल गोस्वामी, गौरव राय, पंकज बंदर के अलावा 7–8 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. फायरिंग की घटना शुक्रवार रात 8 बजे की है. घटना के बाद सुरेंद्र शर्मा ने पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस ने तत्काल छापेमारी करते हुए गौड़ बस्ती स्थित नदी किनारे से अमरनाथ एवं उसके तीन साथियों पंकज बंदर, किशोर, अशोक और अमरनाथ के बचपन के साथी मुकेश को गिरफ्तार किया और थाने ले गई.
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किशोर एवं सुरेंद्र के बीच हुआ था विवाद
पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली कि एमजीएम के बालीगुमा में अमरनाथ के कहने पर ही अपराधी पूर्व भाजपा नेता राजेश सिंह की हत्या करने उसके गुर्गे गए थे. अरुण द्वारा रोक टोक करने पर अपराधियों ने उस पर फायरिंग कर दी. सुरेंद्र शर्मा के घर पर भी फायरिंग करने के पहले किशोर के साथ सुरेंद्र शर्मा का विवाद हुआ था, जिसके बाद किशोर अमरनाथ के पास पहुंचा. जहां से अमरनाथ ने अपने गुर्गों को फायरिंग करने के लिए भेजा था. पुलिस का कहना है कि फायरिंग की घटना में अमरनाथ की सीधी संलिप्तता नहीं पाई गई. जिसके कारण उसे छोड़ दिया गया.
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