Jamshedpur (Ashok Kumar) : साइबर बदमाश पूरे कोल्हान में पूरी तरह से सक्रिय हैं. साइबर बदमाशों का दो मामला सामने आये हैं. इसमें क्यूआर कोर्ड स्कैन करवाके और एनीडेस्क एप डाउनलोड करवाके दो खाता धारकों के खाते से 3.30 लाख रुपये उड़ा लिये. घटना के बाद दोनों मामला साइबर थाने तक पहुंचा. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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केस वन- बर्मामाइंस के खाता धारक से उड़ाये 2.33 लाख
पहली घटना बर्मामाइंस थाना क्षेत्र के इस्ट प्लांट बस्ती रोड नंबर 5 निवासी त्रिलोक प्रसाद यादव की है. त्रिलोक ने बताया कि वे 28 अक्टूबर को एसबीआइ क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन से आउट स्टेंडिंग बायलेंस 26078 रुपये का पेमेंट अपने पेटीएम के माध्यम से कर रहे थे. उसी समय एक मोबाइल से फोन आया. कॉल करने वाले ने अपना नाम रिद्धि बताया और कहा कि आपका कार्ड प्रोटेक्शन प्लान में है. ऐसे में 24000 रुपये का पेमेंट एनीडेस्क एप डाउनलोड कर भेजना होगा. उसके कहने पर त्रिलोक ने अपने एप का आइडी बता दिया.
फोटो क्लिक करते ही रुपये की होने लगी निकासी
इस बीच रिद्धि ने कहा कि एसबीआइ क्रेडिट कार्ड का फोटो क्लिक करना होगा. फोटो क्लिक करते ही तीन बार में कुल 2.33 लाख रुपये की निकासी हो गयी. रुपये की निकासी होने का मैसेज मोबाइल पर आने लगा. घटना के बाद त्रिलोक 2 नवंबर को साइबर थाने में पहुंचे और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
केस टू- फर्नीचर बेचने का विज्ञापन डालकर गंवाये 97 लाख
दूसरी घटना में साइबर बदमाशों के शिकार कदमा अर्जून पथ की रहने वाली श्वेता नायक हुई है. श्वेता ने बताया कि उन्होंने ओएलएक्स में फर्नीचर बेचने का विज्ञापन दिया था. 11 अक्टूबर को साढ़े 11 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आया. उसने कहा कि मेरा आदमी आयेगा और सामान लेकर जायेगा. इसके बाद 12 अक्टूबर को दिन के 3 बजे फिर कॉल आया और वाट्सएप के माध्यम से लोकेशन मांगा. इसके बाद आरोपी ने क्यूआर कोड भेजा और 1 रुपये रिसिव करने के लिये कहा. फिर दोबारा उसने क्यूआर कोर्ड स्कैन करने के लिये कहा और पेय पर क्लिक करने कहा.
छह बाद में उड़ गये 97 हजार रुपये
श्वेता नायक ने बताया कि उसके बैंक ऑफ इंडिया कदमा के खाते से कुल छह बार में 97 हजार रुपये की निकासी हो गयी. घटना के संबंध में 2 नवंबर को साइबर थाने में मामला दर्ज कराया गया है. इधर साइबर पुलिस का कहना है कि शहर के लोग साइबर ठगी को लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैं. वे मोबाइल कॉल के झांसे में आकर अपने रुपये गंवा रहे हैं.
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