Jamshedpur (Rohit Kumar) : जमशेदपुर के कदमा थाना अंतर्गत तिस्ता रोड स्थित क्वार्टर नंबर 97/99 निवासी बीना कुमारी, दीया कुमारी, सांधी कुमारी और रिंकी घोष की हत्या करने के मामले में अदालत ने आरोपी दीपक कुमार को दोषी करार दिया है. शनिवार को मामले की सुनवाई करते हुए ए़डीजे 4 राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने दीपक को आईपीसी की धारा 302, 307, 379, 201 और 376(1) के तहत दोषी पाया है. कोर्ट 6 अप्रैल को सजा की बिंदू पर सुनवाई करेगा. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता जॉली दास, कार्तिक डे, हरविलास दास, दिलीप गोराई और जयंत कुमार ने बहस की थी. मामले में कुल 25 लोगों की गवाही हुई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने पैरवी की थी.
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दीपक को फांसी की सजा हो – आनंद कुमार
इधर, अदालत द्वारा दीपक को दोषी पाने के बाद बीना और रिंकी घोष के परिजनों में उत्साह दिखी. बीना के भाई आनंद कुमार साहू ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है. दो साल की लड़ाई के बाद उसे दोषी पाया गया है. काफी अच्छा महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि दीपक ने हैवानियत दिखाई है इसलिए कोर्ट उसे फांसी की सजा सुनाए. उन्होंने बताया कि कोर्ट में वीसी के माध्यम से दीपक की भी पेशी हुई थी. जज ने जब उसे दोषी पाया तो उसके चेहरे पर किसी तरह का डर नहीं दिखा.
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पत्नी और दो बेटी समेत ट्यूशन टीचर की कर दी थी हत्या
12 अप्रैल 2021 को कदमा थाना अंतर्गत तीस्ता रोड स्थित क्वार्टर नंबर 97,99 में दीपक ने अपनी पत्नी, दो बच्ची और ट्यूशन टीचर की हत्या कर दी थी. ट्यूशन टीचर की हत्या करने के बाद उसने दुष्कर्म भी किया था. घटना को अंजाम देने के बाद उसे अपने साथी प्रभु के साला अंकित पर भी हमला किया. घटना को अंजाम देने के बाद वह अपनी बुलेट से राउरकेला गया था जहां से कैब बुक कर वह धनबाद गया. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी धनबाद से की थी.
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इस कारण दिया घटना को अंजाम
दीपक बचपन से ही प्रभु के साथ रहा करता था. दीपक और प्रभु बचपन से ही दोस्त थे. साल 2012 में उसने टाटा स्टील में ज्वाइन किया. इसके बाद उसने 40 लाख में सोपोडेरा वाला घर बेच दिया. 20 लाख खुद रखे और 20 लाख रुपए भाई को दे दिया. 2019 में उसने प्रभु से 17 लाख रुपए में एक हाइवा लिया और साथ ही एक लाख रुपए में बाइक भी ली. बाद में उसे जानकारी हुई की हाइवा का 5 लाख रुपए का रोड टैक्स बकाया है. उसे प्रभु ने ठग दिया है. हालांकि हाइवा को उसने जोजोबेडा प्लांट में चलवा रहा था. बाद में लॉक डाउन के कारण उसका हाइवा नहीं चल रहा था. रौशन ने उसे बताया कि वह खड़कपुर स्थित एक कंपनी में हाइवा लगा देगा. बाद में उसने टाटा स्टील कॉ-ऑपरेटिव सोसाइटी से 4.5 लाख और बाकी 1.5 लाख रुपए का लोन लिया. उसकी सैलरी 34 हजार थी पर लोन के वजह से उसे मात्रा 8 हजार रुपए मिलते थे. इसी लिए वह परेशान रहा करता था. उसे लगा था कि प्रभू की वजह से ही उसकी यह हालत हुई है. वह प्रभू की हत्या करना चाहता था पर जेल जाने के बाद पत्नी और बच्चों को की देखभाल कौन करेगा यह उसके लिए चिंता का विषय था. इसलिए उसने पत्नी और बेटियों की भी हत्या कर दी पर इस बीच ट्यूशन टीचर ने शव को देख लिया इसलिए ट्यूशन टीचर की भी हत्या कर दी.
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ऐसे दिया था घटना को अंजाम
दीपक की शादी बीना से साल 2004 में हुई थी. उसने घटना से एक हफ्ते पहले से प्लानिंग कर रखी थी की रौशन को खाने पर बुलाकर उसे मारेगा और फिर टीचर की स्कूटी लेकर देर शाम प्रभु के साथ शराब पीने के दौरान उसकी हत्या करेगा. उसके पहले वह परिवार की हत्या करेगा. 12 अप्रैल की सुबह लगभग 8 बजे पहले पत्नी की हत्या की. उसके बाद पलंग पर सोई हुई बड़ी बेटी और फिर छोटी बेटी की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद वह नहाया और उसके बाद ससुराल जाकर वहां से गहने लिए. कदमा बाजार में गहने बेचा उसके बाद घर आया. इतने में टीचर घर आई. उसने चाकू की नोक पर टीचर से उसकी स्कूटी मांगी पर टीचर ने मना कर दिया. टीचर भागते हुए उस कमरे में गई जहां पत्नी का शव पड़ा था. उसने शव देख ली. इसलिए टीचर की भी हत्या कर दी. टीचर की हत्या करने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म करने के बाद शव को बेड के अंदर डाल दिया.
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म्यूजिक सिस्टम बजा कर अंकित पर किया वार
थोड़ी देर बाद रौशन घर आया. उसके साथ उसकी पत्नी और साला को देखकर उसे लगा की उसका प्लान बेकार हो गया. इसलिए पहले उसने साले अंकित को मारने की सोची. उसने घर में म्यूजिक सिस्टम का साउंड हाई कर दिया और घर में अंकित पर वार किया. रौशन पर भी वार किया पर रौशन की पत्नी आराध्या बाहर चली गई तो उसका प्लान फेल हो गया. किसी तरह इलाज करवाने का बहाना बनाकर वह वहां से भागा. आदित्यपुर, राजनगर और फिर वहां से राउरकेला पहुंचा. राउरकेला में उसकी बाइक पंचर हो गई तो वह बाइक को एक पंचर दुकान में छोड़कर वहां से कैब बुक किया और पूरी चला गया. पूरी में 13 और 14 अप्रैल को रुकने के बाद 15 अप्रैल को वह दूसरी कैब बुक कर रांची गया. रांची में शॉपिंग की ओर फिर वहां से धनबाद पहुंच गया.
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धनबाद के हीरापुर एचडीएफसी बैंक से हुई थी गिरफ्तारी
धनबाद पहुंचने के बाद वहां एक रात रुकने के बाद वह 16 अप्रैल की सुबह हीरापुर स्थित एचडीएफसी बैंक में भाई के अकाउंट में रुपए जमा करने पहुंचा पर यहां उसने मैनेजर से झगड़ा कर लिया जिसके बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिए. उसने पुलिस को बताया था कि अगर वह नहीं पकड़ता तो वह पैसे जमा करने के बाद कुछ दिनों में आत्महत्या कर लेता.
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ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
एक रोज दीपक की गिरफ्तारी के लिए डीएसपी और थानेदार बैठक कर रहे थे. बैठक के बीच ही उन्हें मैसेज आया की एचडीएफसी बैंक के खाते में 1.5 लाख का लेनदेन हुआ है. पुलिस तुरंत एक्टिव हुई और जमशेदपुर के एचडीएफसी बैंक से संपर्क कर हीरापुर ब्रांच से सीसीटीवी फुटेज मंगवाया. इस बीच पुलिस ने हीरापुर के बैंक मैनेजर से संपर्क कर दीपक की फोटो दिखाई तो बैंक मैनेजर ने उसे पहचान लिया. पुलिस ने तुरंत जाल बिछाया और दीपक को धर दबोचा.