Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर में दर्जनों निजी स्कूल झारखंड सरकार की लीज जमीन पर संचालित हो रहे हैं. ऐसे स्कूलों को झारखंड आरटीई नियमावली 2011 में सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय की श्रेणी में रखा गया है. लेकिन निजी स्कूल स्वयं को निजी कहकर प्रचारित करते हैं तथा अभिभावकों का दोहन कर रहे हैं. जमशेदपुर अभिभावक संघ ने ऐसे स्कूलों को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल घोषित करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेजा है.
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आरटीई नियमावली 2011 का दिया हवाला
भेजे गए पत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सेक्शन 2 (एन) (2) और झारखंड सरकार की आरटीई नियमावली 2011 की कंडिका 22 (1) का हवाला दिया है. जिसमें सरकार द्वारा लीज अथा सबलीज पर अनुदानित दर पर भूमि उपलब्ध कराई गई हो उसे अधिनियम की धारा 2(n) (ii) में वर्णित सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय की श्रेणी में सम्मिलित माना गया है.
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सरकार ने टाटा स्टील को दी है लीज
जमशेदपुर में झारखंड सरकार की बहुतायत जमीन टाटा स्टील ने लीज (पट्टे) पर ली है. उक्त जमीन को वगैर सरकार की सहमति के टाटा स्टील के द्वारा निजी स्कूलों को सबलीज पर दे दिया गया है. इस तरह अधिकांश निजी स्कूल सरकार की लीज जमीन पर संचालित हो रहे हैं. लेकिन उनके द्वारा अभिभावकों से मनमाने तरीके से फीस की वसूली की जाती है. जबकि आरटीई 2009 तथा झारखंड सरकार की आरटीई नियमावली 2011 की कंडिका 22 (1) अध्याय- 9 अन्यान्य के प्रावधानों के तहत वे सभी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों कि श्रेणी में आएंगे. संघ ने एनसीपीसीआर से उक्त स्कूलों को सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल घोषित करने की मांग की.