Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : पूर्वी सिहंभूम जिले में जल शक्ति अभियान की प्रगति एवं जलछाजन की योजनाओं की समीक्षा उप विकास आयुक्त (डीडीसी) मनीष कुमार ने शनिवार को किया. इस दौरान डीडीसी ने सोशल फॉरेस्ट्री डीएफओ को पर्यावरणीय तथा सामाजिक व ग्रामीण विकास के उद्देश्य से वनों के रोपण, संरक्षण, प्रबंधन तथा ऊसर भूमि पर ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करने के निर्देश दिए. वहीं पिछले दो वर्षों में जलछाजन से जुड़ी योजनाओं जैसे तालाब, डोभा, चेकडैम, मेढ़बंदी, सोक पिट, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के लिए पदाधिकारी को कहा.
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ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण किया जाए – डीडीसी
इस अवसर पर डीडीसी मनीष कुमार ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी संवेदनशील प्रयास किए जा रहे हैं, जरूरत है कि जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर इस दिशा में कार्य योजना बनाकर बेहतर तरीके से कार्य किए जाएं. ग्राम पंचायत की सरकारी, सामान्य भूमि, बंजर भूमि और पंचायत भूमि पर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण किया जाए. वहीं ईंधन के लिए लकड़ी, चारा और घास का वृक्षारोपण विकसित करके पारंपरिक वन क्षेत्रों पर दबाव कम किया जा सकेगा. डीडीसी ने कहा कि जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा के जल का प्रबंधन और संरक्षण तथा प्राकृतिक स्रोतों को रिचार्ज करना है. इन योजनाओं का बहुपयोगी उद्देश्य रहा है, गिरते भू-गर्भ जलस्तर को बचाने तथा जल को लेकर सभी ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर बनें, वर्षा के जल पर आश्रित नहीं रहें इसलिए जरूरी है कि हम प्राकृतिक रूप से मिल रहे जल को संग्रहित एवं उनके स्रोतों को संरक्षित करें.
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ये थे उपस्थित
इस अवसर पर निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह, सोशल फॉरेस्ट्री के डीएफओ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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