Jamshedpur (Sunil Pandey) : आजादी के 75 वर्षों बाद ही सही लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड के “बीरग्राम” को अपना अधिकार मिलने का मार्ग प्रशस्त होने लगा है. मंगलवार को पोटका प्रखंड के राजस्व उप निरीक्षक ने ग्रामीणों के साथ बैठक करके अलग ग्राम प्रधान चुनने की प्रक्रिया शुरु कर दी. प्रशासनिक पहल से ग्रामीणों को खुशी का माहौल है. सरकार की सूची में “बीरग्राम” को चिरागी गांव का दर्जा प्राप्त है. लेकिन गांव के लोगों को आजादी के 75 वर्षों बाद भी उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिल पाया. उक्त गांव में इतने वर्षों बाद ग्रामसभा का गठन नहीं हो पाया. यहां तक कि ग्राम प्रधान का चयन भी नहीं किया गया. जिसके कारण उक्त गांव को कई मामलों में निर्णय लेने के लिये दूसरे गांव (बिरधा) के ग्राम प्रधान एवं ग्रामसभा के निर्णय पर निर्भर रहना पड़ता है.
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थाना नंबर एवं मौजा है अलग-अलग
आसनबनी पंचायत के अन्तर्गत बीरग्राम एवं बिरधा गांव आता है. उक्त दोनों गांव का थाना नंबर एवं मौजा अलग-अलग है साथ ही दोनों गांव चिरागी है. गांव के बिरधा गांव का थाना नं. 1273 एवं बीरग्राम का थाना नं. 1284 सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. उक्त मामले को पूर्व पार्षद करूणामय मंडल एवं पूर्व वॉर्ड सदस्य सह समाजसेवी डॉ. सुंदर लाल दास ने प्रशासन के संज्ञान में लाया. दोनों ने बीरग्राम के लोगों की भावनाओं से अंचल अधिकारी इम्तियाज अहमद को अवगत कराया. साथ ही इस संबंध में प्रशासनिक प्रक्रिया शुरु करने का आग्रह किया. राजस्व उप निरीक्षक की मौजूदगी में हुई बैठक में ग्रामीणों से सर्वसम्मति से एक मांग पत्र भी उन्हें सौंपा.
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बैठक में ये लोग थे मौजूद
पूर्व वॉर्ड सदस्य सह समाजसेवी डॉ.सुन्दर लाल दास, हिमांशु दास, शक्तिपद दास, जितेन दास, पोलटू दास, मोनिशंकर दास, विभूति दास, माणिक दास, सन्तोष दास, शंभु नाथ दास, अशोक दास, सुभाष दास, राम दास, बरुन दास, अरुण दास साथ ही गाँव – बिरधा के आशुतोष दास एवं गुरुपद दास आदि ग्रामीण उपस्थित थे.
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