Jamshedpur : युगांतर भारती और राइट लाईवलीहुड, 2021 पुरस्कार से सम्मानित नई दिल्ली की संस्था लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरमेंट (लाइफ) के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी का विषय ‘उत्तरी छोटनागपुर क्षेत्र में पर्यावरणीय चुनौतियां’ था. इसका आयोजन धनबाद के एक होटल में किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्थाओं का यह पहल सराहनीय है. पर्यावरण आज के समय में गंभीर चिंतन का विषय बन गया है, जिसमें जाने अनजाने हम और हमारा परिवार इसके भुगतभोगी या पीड़ित हैं. धनबाद कोयला खनिज, खनन, कोयला में लगी आग और इससे उत्पन्न पर्यावरणीय प्रदूषण के बारे में देश और दुनिया में परिचय का मोहताज नहीं है. धनबाद पर्यावरण का मार्मिक स्थल है. देश में बने पर्यावरण कानून और अधिनियमों का अनुपालन विशेषज्ञों के अनुसार जमीन पर किया जाए तो आम लोगों के जीवन के स्तर में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि पहले चिमनियों से धुआं निकलने का मतलब विकास का पैमाना था पर आज के परिपेक्ष्य में धुआं मानव जीवन और पर्यावरण में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
इनवायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट ईआईए का कानून बना
सरयू राय ने बताया कि 2006 में इनवायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट ईआईए का कानून बना. दामोदर एक्शन प्लान के पहले ही डीवीसी एक्ट बना, जिसमें पर्यावरण के सन्दर्भ में पर्यावरण संरक्षण हेतु चिंतन कर प्रावधान को निहित किया गया. स्वयंसेवी संस्थाओं पर नियंत्रण के जगह सरकारी विभागों को उनके लिए निहित कार्यों के लिए जबाबदेह बना दिया जाए, तो संविधान के अनुसार फंडामेंटल राइट्स के तहत लोगों को सामान्य जीवन दे सकते हैं. राय ने कहा कि देश के मेधावी मस्तिष्क को पर्यावरण की कठोर समीक्षा करने की आवश्यकता है. इसमें अधिवक्ता को ही नहीं पर तकनीकी विशेषज्ञों की टीम जिसमें विश्वविद्यालय को भी आगे आना होगा. बाजार जहां-जहां जा रहा है वहां-वहां पर्यावरण प्रदूषण एक समस्या बनता जा रहा है. श्री राय ने भारत सरकार से एक इनवायरमेंट लॉ कमीसन बनाने के मांग की जो पर्यावरणीय कानून की क्रियावरण करेगा. संगोष्ठी को लाइफ संस्था के मुख्य ट्रस्टी सह अधिवक्ता रित्विक दत्ता, अंशुल शरण ने भी संबोधित किया. संगोष्ठी के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता आईआईटी आईएसएम के प्रो. गुरदीप सिंह ने किया. सत्र में सिंफर के डा. सिद्धार्थ सिंह ने धनबाद क्षेत्र में काला कोयला और उसके स्रोत, लाइफ के डा. आरके सिंह ने दिल्ली के ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान की असफलता, सिम्फर के डा. भानु पांडे ने धनबाद नगर निगम क्षेत्र में व्यापक वायु गुणवक्ता पर वक्तव्य दिया.
डॉ राज ने खनन क्षेत्र में पारिस्थितिक तंत्र की बहाली के बारे में बताया
दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता आईआईटी आईएसएम के प्रो एसके मैती ने किया. दूसरे सत्र में सिंफर के अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक डॉ. राज शेखर सिंह ने खनन किए गए क्षेत्र में पारिस्थितिक तंत्र की बहाली पर अपना व्यक्तव दिया. तीसरे सत्र की अध्यक्षता बीआईटी सिंदरी के प्रो. रणविजय सिंह ने किया. इस सत्र में फ्लाई ऐश की समस्या पर लाइफ के ट्रस्टी डा. आर के सिंह ने अपना व्यक्तत्व रखा. शरण ने बताया की कल संगोष्ठी के दूसरा और अंतिम दिन है. उसमें सरयू राय के अलावा सिंफर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह और अन्य कई पर्यावरणविद उपस्थित रहेंगे.