Jamshedpur : जमशेदपुर की युवा फिल्म निर्माता प्रज्ञा सिंह के निर्देशन में झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी पोटो हो के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ सिरिंगसिया घाटी युद्ध पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “सिरिंगसिया-1837” ने एक बार फिर झारखंड का नाम रोशन किया है. नई दिल्ली में आयोजित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन फिल्म फेस्टिवल 2022 (आईआईएमसीएफएफ) में इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के पुरस्कार से नवाजा गया. सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के रूप में चुने जाने पर प्रज्ञा सिंह, विकास-प्रकाश एवं कुणाल की टीम को शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर ने अवार्ड तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.
इसे भी पढ़ें: चाईबासा : कोल्हान विवि में मौलिक सुविधा नहीं मिलने के विरोध में नौ मई को आंदोलन
सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड मिलना जमशेदपुर एवं झारखंड के लिये गौरव की बात: प्रज्ञा सिंह
इस मौके पर फ़िल्म की निर्देशक प्रज्ञा सिंह ने कहा कि आईआईएमसी फिल्मोत्सव में झारखंड में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ युद्ध पर आधारित “सिरिंगसिया-1837” को भावी पत्रकारों, ज्यूरी मेंबर्स एवं अतिथियों की भरपूर सराहना मिली. फिल्मोत्सव में हमारी फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड मिलना जमशेदपुर एवं झारखंड के लिये गौरव की बात है. यह सफलता झारखंड के ऐतिहासिक महत्व पर आधारित फिल्में बनाने के लिये हम सभी युवा फिल्मकारों को लगातार प्रेरित करेगी.
फिल्म निर्माण में इन्होंने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने बताया कि इस फिल्म को चित्रभारती राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, भोपाल में स्पेशल ज्यूरी अवार्ड से भी नवाजा गया था. इसके अलावा फिल्म का चयन लंदन के फिल्म फेस्टिवल में किया गया है. फिल्म निर्माण में नीदरलैंड के रिसर्चर पॉल स्ट्रीमर, कोल्हान विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष संजय नाथ, हो रिसर्चर प्रधान बिरुवा, अंकिता टोप्पो, सूरज गिलुआ, साधु हो, तरुण कुमार, जग्गनाथ हेस्सा, गौरव सिंह, अमन सिंह, प्रतिक सिंह, कुणाल सरकार, प्रतिक चौरसिया, वीरेंद्र कुमार, अरुण कुमार, निमाई गोराई, हर्ष झा, स्वस्ति सिंह, एवं सन्नी सुम्बरई एवं अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
इसे भी पढ़ें: चाईबासा : कोल्हान विवि के छात्र प्रतिनिधियों का कार्यालय विवि लेगा वापस