Jamshedpur : कुम्हारों की आजीविका व उनके सर्वांगिण विकास के लिए गठित माटी कला बोर्ड आज खूद पहचान को मोहताज हो गई है. विदित हो कि चार वर्षों से झारखंड में माटी कला बोर्ड का गठन नहीं हुआ है. जिसके चलते कुम्हारों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. साथ ही उनकी आजीविका भी प्रभावित हो रही है. राज्य के कुम्हार लगातार बोर्ड के पुनर्गठन की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस दिशा में सरकार के स्तर से अभी तक कोई ठोस पहल अथवा कदम नहीं उठाया गया है. मालूम हो कि रघुवर सरकार में वर्ष 2017 में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया था. जिसके पहले चेयरमैन श्रीचंद प्रजापति बनाए गए थे. इसके बाद 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार सत्ता में आयी. जिसके बाद पूर्ववर्ती सरकार में गठित सभी बोर्ड व निगम को भंग कर दिया गया. उसके बाद से ही माटी कला बोर्ड चेयरमैन विहिन है. हालांकि, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के तहत कुटीर एवं मध्यम उद्यम से जुड़े मामले वर्तमान में देखे जा रहे हैं. उक्त बोर्ड के चेयरमैन स्वयं मुख्यमंत्री ही हैं.
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वितीय वर्ष 2021-22 में 120 कुम्हारों को मिला इलेक्ट्रिक चाक
मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के जमशेदपुर प्रखंड को-ऑर्डिनेटर पुष्पम झा ने बताया कि जिले के 170 कुम्हारों के बीच वितीय वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक चाक व पगमिल (मिट्टी गूंथने वाली मशीन) प्रदान किया गया. जिसमें 120 कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक व 50 को पगमिल दिया गया. उन्होंने कहा कि दोनों उपकरण 90 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाते हैं. एक इलेक्ट्रिक चाक की कीमत 21000 रुपये हैं, जिसे 90 प्रतिशत सब्सिडी के तहत केवल 2083 रुपये में प्रदान किया जाता है. इसी तरह एक पगमिल की कीमत 40000 रुपये हैं, जिसे 3915 रुपये में प्रदान किया जाता है. उन्होंने बताया कि जमशेदपुर प्रखंड के 47 कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक व 20 को पगमिल प्रदान किया गया है.
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पीएमईजीपी लोन में मिलती है छूट
पुष्पम झा ने बताया कि बेरोजगारों को स्वरोजगार के तहत कारोबार के लिए पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना) के तहत लोन भी उपलब्ध कराया जाता है. इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 35 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जबकि अन्य श्रेणी के ग्रामीण युवाओं को 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. वहीं, शहरी बेरोजगारों को 15 प्रतिशत की छूट मिलती है. उन्होंने बताया कि उक्त लोन लेने के इच्छुक युवा पीएमईजीपी के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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लोन के एवज में जमा करनी होती है मार्जिन मनी
गौरतलब है कि पीएमईजीपी लोन लेने के इच्छुक युवाओं को लोन स्वीकृति के उपरांत मार्जिन मनी जमा करनी होती है. इस संबंध में पुष्पम झा ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ा वर्ग के बेरोजगारों को पांच प्रतिशत, अन्य श्रेणी के ग्रामीण बेरोजगारों को पांच प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्र के लोन लेने वाले अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत मार्जिन मनी लोन राशि के विरुद्ध जमा करनी पड़ती है. हालांकि, इससे पहले सभी अभ्यर्थियों को अपने कारोबार से जुड़ा एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट कार्यालय में जमा करना होता है. उसके बाद सभी का साक्षात्कार लिया जाता है. इसके बाद स्वीकृति के बैंक व विभाग के अधिकारी स्थल विजिट करते हैं.
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