Jamshedpur (Sunil Pandey) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैश पर मंगलवार को जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि राज्यपाल झारखंडियों का हित नहीं चाहते हैं, इसलिए आदिवासियों के हित में बने 1932 आधारित स्थानीय नीति को वापस किया है. दूसरे राज्यों में संवैधानिक पदों (राज्यपाल) पर बैठे लोग आदिवासियों का हित चाहते हैं. कर्नाटक के राज्यपाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां की सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हित के लिए कानून बनाया, जिसे वहां के राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान कर दी. ऐसे में समझा जा सकता है कि राज्यपाल झारखंड एवं झारखंडियों का कितना हित चाहते हैं. मुख्यमंत्री मंगलवार को बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में खतियान जोहार यात्रा को संबोधित कर रहे थे. झारखंड की पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को 20 वर्षों तक चारागाह बनाकर रखा गया. जिसे जितना मिला, लूटा. यहां के आदिवासियों एवं मूलवासियों के विकास से उन्हें कोई लेना-देना नहीं था. तीन वर्षों से हमारी सरकार बनी है. चहुंओर विकास हो रहा है. जनता की आशाओं एवं आकांक्षाओं पर सरकार खरा उतर रही है.
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केंद्र सरकार को लिया निशाने पर
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास हैं, लेकिन झारखंड के हित से जुड़े कानून पर मुहर नहीं लगायी जा रही है. सरना धर्मकोड पास करके राज्य सरकार ने केंद्र के पास भेज दिया, लेकिन उसे मंजूरी नहीं दी गई. स्थानीयता पर लोगों को बरगलाया जा रहा है. प्रत्येक राज्य की सरकार अपने यहां के लोगों का हित चाहती है. उनके हित से जुड़े कानून बनाती है. लेकिन झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यहां स्थानीय लोगों के हित को जब प्रमुखता दी जाती है तो बिहार-यूपी के लोगों के पेट में दर्ज होता है. लेकिन यहां की जनता अब जाग चुकी है. जिस तरह कुर्बानियां देने एवं लड़कर अलग राज्य लिया है. उसी तरह लड़कर अपना अधिकार लेना यहां की आदिवासी-मूलवासी जनता जानती है. महंगाई पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि यूपीए की सरकार में पेट्रोल-गैस के दाम दो-चार रुपये बढ़ते थे तो भाजपाई सड़कों पर आकर “महंगाई डायन खाय जात है” कहते थे. लेकिन आज इसी महंगाई से जनता त्रस्त है. लेकिन इन्हें महंगाई “डायन” नहीं “भौजाई” लग रही है.
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मुंगेरी लाल के सपने देख रही भाजपा
खतियानी जोहार यात्रा में भाजपा पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कभी भी आदिवासियों की हितैषी नहीं रही है. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद एक आदिवासी (बाबूलाल मरांडी) को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन उन्हें अपना कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया. उन्हें हटाकर अर्जुन मुंडा को लाया गया. लेकिन उन्हें भी ठीक से कार्य करने नहीं दिया गया. 2014 में एक गैर आदिवासी (रघुवर दास) को मुख्यमंत्री बनाया गया. पांच वर्षों तक उनकी सरकार रही. लेकिन आदिवासियों का विकास करने की बजाय रघुवर दास ने अपने एवं सगे संबंधियों का विकास किया. उन्होंने कहा कि इन 20 वर्षों में भाजपा एवं उसके समर्थित सरकारों ने झारखंड का बेड़ा गर्क कर दिया. कहा कि 20 वर्षों का घाव भरने में समय लगेगा. 2019 में झारखंड की जनता ने लूटने वाली सरकार को हटाकर एक मजबूत सरकार को सत्ता सौंपी है. यह सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर रही है. लेकिन भाजपा को हमारी सरकार का काम पच नहीं रहा है. ऐन-केन प्रकारेण सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है. इसके लिए सरकारी मशीनरी (ईडी-सीबीआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां तक की हमारे विधायकों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है. लेकिन उनके अड़ंगा से हम डिगने वाले नहीं हैं. अड़ंगा लगाने वालों की टांग जरूर टूट जाएगी.
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सीएम ने संताली में दिया भाषण
गोपाल मैदान में आयोजित खतियानी जोहार यात्रा रैली में सीएम ने अपना पूरा भाषण संताली में दिया. उनके भाषण के दौरान लोगों का आना-जाना लगा रहा. पारंपरिक वेशभूषा में लोग पारंपरिक हथियारों के साथ लोग आते रहे. सभा में पारंपरिक हथियार (तलवार, फरसा, कटार, हंसुआ, टांगी, तीर-धनुष) वगैरह लेकर पहुंचने वाले लोगों को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया. लेकिन सीएम के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें सभास्थल में आने की अनुमति दी. खतियानी जोहार यात्रा में अधिकांश लोग खुले बदन अपने शरीर पर “1932 का खतियान लागू करों” जैसे शब्द लिखकर पारंपरिक वेशभूषा एवं हथियार के साथ आए थे. कार्यक्रम का संचालन 20 सूत्री समिति के उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश नेता हिदायतुल्ला खान ने दिया. मंच पर मंत्री चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, सत्यानंद भोक्ता, विधायक रामदास सोरेन, समीर महंती, मंगल कालिंदी, संजीव सरदार समेत अन्य झामुमो नेता मौजूद थे.
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खतियानी जोहार यात्रा के समर्थन में लगावाया नारा
अपने संबोधन के बाद मुख्यमत्री हेमंत सोरेन ने मौजूद लोगों से खतियानी जोहार यात्रा के समर्थन में नारे लगवाए. कहा कि जो खतियान की बात करेगा, वहीं झारखंड पर राज करेगा. मुख्यमंत्री के आह्वान का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया तथा सुर में सुर मिलाकर नारेबाजी की. मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए लोगों का अभिवादन किया साथ ही उन्हें धन्यवाद दिया.