Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : 20 वर्षों से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज (केबल कंपनी) का मामला एनसीएलटी कोर्ट में विचाराधीन है. 20 फरवरी को एनसीएलटी कोर्ट में केबल कंपनी को चलाने के लिए वेदांता ग्रुप द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर एनओसी देने की सुनवाई होगी. इस संबंध में केबल यूनियन के पूर्व पदाधिकारी यूके शर्मा ने बताया कि वेदांता ग्रुप द्वारा केबल कंपनी के चलाने के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था. जिसे सीओसी (कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स) द्वारा स्वीकार कर लिया गया. लेकिन 30 दिसंबर को एनसीएलटी कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वेदांता ग्रुप रे प्रस्ताव पर यदि कोई बकायेदार द्वारा आपत्ति दर्ज नहीं कराई जाती है तो कोर्ट वेदांता के प्रस्ताव पर अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने पर विचार करेगा. इस मामले में 20 फरवरी को एनसीएलटी कोर्ट में सुनवाई होना है.
इसे भी पढ़ें : चांडिल : तिरुलडीह टुसू मेला में उमड़ा जनसैलाब, दिखी परंपरा की झलक
250 करोड़ से ज्यादा है केबल कंपनी के कर्मचारियों का बकाया
शर्मा ने कहा कि वेदांता ग्रुप द्वारा कंपनी के कर्मचारियों के बकाए के भुगतान के लिए मात्र 15 रुपये की राशि का प्रस्ताव दिया है. जबकि केबल कंपनी के कर्मचारियों का बकाया 250 करोड़ से ज्यादा है. ऐसे में कर्मचारियों द्वारा वेदांता ग्रुप के इस प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीओसी द्वारा किस आधार पर वेदांता के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया है यह समझ से परे है. कंपनी के कर्मचारी तो आज भी कंपनी के चालू होने की आस लगाए बैठे है. कंपनी के चालू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा. लेकिन वेदांता ग्रुप के प्रस्ताव को स्वीकार करने से कर्मचारियों को नुकसान के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होगा. शर्मा ने कहा कि 20 फरवरी से पहले ही इस मामले में विभिन्न बकाएदारों द्वारा इस प्रस्ताव के विरोध में याचिका दाखिल किया जाना तय है.