Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में प्लास्टिक उपयोग करने के संदेह में छापामारी करने तथा कारोबारियों से अभद्रता करने की शिकायत सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष (जनसंपर्क एवं कल्याण) मुकेश मित्तल ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी से की. शिकायत में उन्होंने जेएनएसी के कथित अधिकारियों के धावा बोलने की शैली एवं कार्रवाई की निंदा की. कहा कि वगैर कोई पहचान बताए छापेमारी करना एवं व्यावसायियों से अभद्र व्यवहार करना उनके मौलिक अधिकार एवं नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि व्यावसायियों के यहां छापे मारे जाएं तथा उनसे जुर्माना वसूला जाय. लेकिन वैसे लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो प्लास्टिक का उत्पादन करते हैं, उसे संरक्षण देते हैं तथा जमशेदपुर में पहुंचाते हैं. ऐसे लोग हमेशा कार्रवाई से बच जाते हैं. जबकि छोटे व्यावसायी जुर्माना भरने के अलावे जलील होते हैं. उन्होंने इस तरह की परिपाटी पर रोक लगाने की मांग की.
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सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा है प्रतिबंध
केंद्र एवं झारखंड सरकार द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बावजूद व्यावसायियों के यहां प्लास्टिक पाया जा रहा है. इसके खिलाफ निकाय प्रशासन की ओर से सतत छापेमारी कर जुर्माना वसूलने की प्रक्रिया चल रही हैं. मुकेश मित्तल ने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई की शैली ऐसी है मानो व्यवसायी किसी बहुत बड़े अवैध कारोबार में लिप्त हों. उन्होंने कहा कि व्यवसायी कानून का पालन कर अपना व्यवसाय करते हैं और सरकार को पूरी ईमानदारी के साथ सभी तरह के टैक्स का भुगतान करते हैं. जिससे देश एवं राज्य के राजस्व का बड़ा हिस्सा इन्हीं व्यापारियों से मिलता है और विकास कार्य प्रगति पर होते हैं. लेकिन अधिकारियों के ऐसे अविवेकपूर्ण रवैये से व्यवसायियों को गहरा आघात लगता है.
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स्वास्थ्य मंत्री, सांसद समेत विधायकों से की शिकायत
मुकेश मित्तल ने अपनी शिकायत की प्रतिलिपि सुबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, जमशेदपुर के सांसद बिद्युत बरण महतो के अलावे जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी एवं उपायुक्त से की है. सभी से उन्होंनें निकाय प्रशासन की ओर से व्यावसायियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारियों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है. जबकि इसका उत्पादन करने वाले तथा इसकी सप्लाई करने वाले बच जा रहे हैं. निकाय प्रशासन द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही समाज एवं कानून के आंखों में धूल झोंकने के समान है. उन्होंने जन प्रतिनिधियों से ऐसी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की. जिससे प्रशासन एवं व्यापारियों के बीच का सामंजस्य और भरोसा लगातार बना रहेगा.
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