Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के सर्किट हाउस एरिया स्थित आत्मीय वैभव विकास केंद्र (सीआईआरडी) में रविवार को स्कूली बच्चों में आत्म विश्वास विकसित करने के उद्देश्य से “आई कैन” (मैं कर सकता हूं) कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में विभिन्न विद्यालयों के 10 से 15 आयु वर्ग के 42 बच्चों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया. इस कार्यशाला का संचालन सीतालक्ष्मी ने किया. वह मूलतः मलेशिया निवासी हैं. वहां उन्होंने इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है. सीतालक्ष्मी स्वामी भूमानंद तीर्थ की शिष्या हैं और उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने इस कार्यशाला का आयोजन किया. उनके साथ स्नेहा, श्वेता रॉय, लक्ष्मीनारायण, सीमा चक्रवर्ती, संजय चक्रवर्ती, डॉ मीरु एवं डॉ अरविंदन समेत अन्य ने सहयोग किया.
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कार्यशाला में बच्चों को कई प्रकार के कार्य करने के लिए दिये गये. इसमें एक धातु के पिन को जल में तैराना, अपनी कल्पना से कोई चित्र बनाना, मिट्टी से विभिन्न प्रकार के आकार बनाना आदि शामिल था. बच्चों ने अपनी बुद्धि और समझ से प्रयास किया. उसके बाद उन्हें बताया गया कि किसी भी कार्य को करने के लिए यदि हमें सही तकनीक पता हो तो हम उसे सरलता से कर सकते हैं. उसके लिए हमें अपनी बुद्धि पर जोर डालना चाहिए और स्वयं पर विश्वास होना चाहिए कि “मैं इसे कर सकता हूं”. हमारी बुद्धि की क्षमता अपार है. हमारा मस्तिष्क एक सुपर ब्रेन है. जैसे एक मिट्टी के लोंदे से हम अनगिनत आकार बना सकते हैं, उसी प्रकार अपने मस्तिष्क का प्रयोग कर हम अनंत कार्य कर सकते हैं.
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सीतालक्ष्मी ने बच्चों को बताया कि जिस प्रकार इस मिट्टी का उपयोग यदि हम नहीं करेंगे तो यह सूख कर कठोर हो जाएगी, उसी प्रकार यदि हम अपने मस्तिष्क का भी प्रयोग नहीं करेंगे तो यह ख़राब हो जाएगा. इसलिए इसका उपयोग कर अपने जीवन को हमें अच्छा बनाना है. पूरे कार्यशाला में बच्चों ने आनंदपूर्वक हिस्सा लिया। कार्यशाला में स्वामी निर्विशेषानंद तीर्थ स्वयं उपस्थित थे एवं बच्चों के कार्यों का निरीक्षण करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया. सभी बच्चों ने स्वामी जी को प्रणाम कर उनसे प्रसाद प्राप्त किया.