Jamshedpur (Sunil Pandey) : आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के अभिन्न अंग मानकी, मुंडा, डाकुआ, दियुरी, पुट्टीदार, तहसीलदार, कनियास के साथ सरकार भेदभाव कर रही है. उक्त सभी को पड़ोसी जिले पश्चिमी सिंहभूम एवं अन्य जिलों में सम्मान राशि प्रदान की जा रही है. लेकिन पूर्वी सिंहभूम के लोगों को इससे वंचित रखा गया है. जबकि इस संबंध में वर्ष 2018 में राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने आदेश जारी कर सभी की सम्मान राशि निर्धारित करते हुए प्रदान करने का आदेश दिया था. चार वर्षों बाद भी उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. जिसके खिलाफ शुक्रवार को जमशेदपुर प्रखंड क्षेत्र के मानकी, मुंडा, डाकुआ, दियुरी, पुट्टीदार, तहसीलदार, कनियास ने प्रखंड कार्यालय के बाहर धरना दिया. कोल लाखो हेंब्रम ने बताया कि आदिवासी परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के अभिन्न अंग उपरोक्त सभी के साथ झारखंड सरकार एवं जिला प्रशासन भेदभाव कर रहा है. जिसके विरोधस्वरूप आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है.
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पड़ोसी जिले में मिल रही है सम्मान राशि
कोल लाखो हेंब्रम ने बताया कि पूर्ववर्ती अर्जुन मुंडा की सरकार में मानकी, मुंडा, डाकुआ, दियुरी, पुट्टीदार, तहसीलदार, कनियास को सम्मान राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई. रघुवर सरकार ने इसे जारी रखा. सम्मान राशि के तहत मानकी को तीन हजार रुपया, मुंडा को दो हजार रुपया तथा डाकुआ को एक हजार रुपया प्रत्येक माह प्रदान किया जाना है. कोल्हान में चाईबासा एवं सरायकेला-खरसावां जिले में उपरोक्त सभी को सम्मान राशि प्रदान की जा रही है. लेकिन पूर्वी सिंहभूम को इससे वंचित रखा गया है. उन्होंने जमशेदपुर अंचलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजकर इस दिशा में कारवाई करने की मांग की.
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धरना में ये लोग थे शामिल
अपनी मांगों को लेकर जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के बाहर धरना देने वालों में बुधराम हेंब्रम, दुर्गा चरण हेंब्रम, गोलाराम हेंब्रम, अर्जुन हो, जितेन हो, किस्टोचंद्र समद, मोटू समद, सौरभ हेंब्रम समेत काफी संख्या में महिलाएं शामिल हैं.
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