Jamshedpur (Sunil Pandey) : बर्मामाइंस के कैरेज कालोनी में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन बिहार के रोहतास से पधारे महंत स्वामी केशवाचार्य ने व्यासपीठ से कृष्णा की बाल लीलाओं का वर्णन कर उपस्थित श्रोताओं का ज्ञानवर्धन किया. पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि कंश ने कृष्ण का मारने के लिए पूतना राक्षसी को भेजा. पुतना ने सुंदर नारी का रूप धारणकर बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी. श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते ही पुतना की मंशा को भांप लिया. उन्होंने पुतना का बध कर उसका उद्धार किया. अबोध कृष्ण के एक राक्षसी के पास देखकर माता माता यशोदा घबरा जाती है. अपसगुन दूर करने के लिए पंचगव्य से भगवान को स्नान कराती है. स्वामी ने भक्तों से कहा कि सभी लोगों को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए.
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इंद्र का तोड़ा घमंड
महंत केशवाचार्य ने कहा कि गौ सेवा से देवी देवताओं की सेवा का फल मिलता है. भगवान कृश्ण के किशोरावस्था का वर्णन करते हुए स्वामी ने कहा कि एक समय ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राज जी की पूजा शुरू कर दी. इससे इंद्र कुपित हो गए तथा ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की, तब कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया. तब इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी.
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इन्हें किया गया सम्मानित
विजेंद्र पांडेय, दिलीप ओझा, अरूण पांडेय, गोपाल कृष्ण ओझा, सुधीर सिंह, हीरालाल पांडेय, रवींद्र राय, धनंजय उपाध्याय, रामाश्रय उपाध्याय समेत अन्य को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक महेंद्र कुमार पांडेय, प्रभूनारायण पांडेय, जगनारायण पांडेय, मुन्ना पांडेय एवं परिवार के अन्य सदस्यों का योगदान रहा.
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