Jamshedpur: झारखंड में लगातार चल रहे भाषा विवाद को लेकर रविवार को मैथिली भाषा संघर्ष समिति झारखंड के आह्वान पर अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद एवं मिथिला सांस्कृतिक परिषद द्वारा गोलमुरी स्थित विद्यापति परिसर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. इस दौरान 586 मैथिली भाषियों ने हस्ताक्षर किया. मैथिली भाषियों की जनसंख्या अपेक्षाकृत कम बता कर राज्य सरकार द्वारा नियोजन नीति के अंतर्गत जिलावार क्षेत्रीय भाषा की सूची में मैथिली को शामिल नहीं किया गया है. इसे मैथिली भाषाइयों के साथ अन्याय बताकर मैथिली भाषी राज्य स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं.
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जनगणना में मातृभाषा मैथिली दर्ज कराने के लिये जागरुकता अभियान
उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मैथिली को वर्ष 2004 से तथा झारखंड के द्वितीय राजभाषा के रूप में 2018 से मान्यता प्राप्त है. इसके साथ ही आगामी जनगणना में मातृभाषा से संबंधित दसवें प्रश्न के उत्तर में मैथिली का कोड 162 लिखाने कि लिये भी जागरुकता अभियान चलाया गया. इस अभियान सफल बनाने में डा. रवीन्द्र कुमार चौधरी, डा. अशोक अविचल, ललन चौधरी, लक्ष्मण झा, हीरालाल झा, रविन्द्र झा, अरुणा मिश्रा, कृष्णा कामत, नंद झा, दिनकर झा, शिवकुमार टिल्लू, एमसी मधुकर, प्रमोद झा, विपिन शुक्ला एवम बड़ी संख्या में मैथिली भाषा भाषी का महत्वपूर्ण योगदान रहा.