Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : केंद्र सरकार द्वारा “बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ”इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” पर देशभर में प्रतिबंध लगाए जाने पर एआईडीएसओ के राष्ट्रीय महासचिव सौरभ घोष ने इसकी घोर निंदा की है. सौरभ घोष ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि जेएनयू, डीयू, अंबेडकर विश्वविद्यालय, एचसीयू, टीआईएसएस और कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इसकी स्क्रीनिंग के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. जहां भी इसकी स्क्रीनिंग हो रही है. वहां छात्रों पर पुलिस कार्रवाई और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. डॉक्यूमेंट्री देखना कोई अपराध नहीं है. यह बेहद निंदनीय है कि डॉक्यूमेंट्री देखने के लिए छात्रों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस डॉक्यूमेंट्री में अंतर्निहित वस्तु को लेकर बेहद भयभीत है.
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प्रेस व मीडिया की स्वतंत्रता को कुचलना गैर लोकतांत्रिक व तानाशाही चेहरे को उजागर करता है – सौरव घोष
उन्होंने कहा कि सत्ता की ताकत का इस्तेमाल कर प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता को कुचलना भाजपा सरकार के गैर लोकतांत्रिक और तानाशाही चेहरे को उजागर करता है. हालांकि, बीजेपी के सांप्रदायिक एजेंडे और 2002 में हुए गुजरात दंगे में मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की जघन्य भूमिका के बारे में चर्चा करना महत्वपूर्ण है, लेकिन जिस प्रकार ज्यादातर मामलों में असंतोष के स्वर एवं अभिव्यक्ति की आजादी का हनन किया जा रहा है यह चिंताजनक है. भाजपा सरकार को लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों से कोई सरोकार नहीं है और वह केवल सत्तावादी शासन में विश्वास करती है. हम विशेष रूप से छात्रों और आम लोगों से अपील करते हैं कि वे सत्ताधारी सरकार द्वारा उठाए जाने वाले ऐसे अलोकतांत्रिक कदमों का विरोध करें और लोकतांत्रिक अधिकारों और इसकी प्रथाओं की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाएं.