Jamshedpur : लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज करनडीह में मंगलवार को डालसा (जिला विधिक सेवा प्राधिकार) की ओर से लीगल लिट्रेसी क्लास का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य वक्ता पैनल लॉयर ऐरी अंथोनी ने संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सात प्रकार के अधिकारों को मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा गया था. लेकिन बाद में संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की श्रेणी से हटा दिया गया.
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इस संबंध में उन्होंने केरल सरकार बनाम गुरु केशवानंद भारती मामले का उल्लेख करते हुए पूरे मामले को समझाया. जिसके तहत केरल सरकार को जनहित की योजनाओं के लिये केशवानंद भारती की भूमि का अधिग्रहण सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 1978 में करना पड़ा था. इसके लिये संविधान में 44वां संशोधन किया गया. उन्होंने छात्रों से देशभक्ति की भावना सदा अपने दिलों मे जगाए रखने की अपील की. क्योंकि गणतंत्र में निजी हित से बड़ा देश हित होता है.
जरूरत के हिसाब से संविधान में करने पड़े हैं कई संशोधन: प्राचार्य
लीगल लिट्रेसी क्लास में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एके झा ने कहा कि हमारा संविधान कई देशों के संविधान की अच्छाइयों को लेकर निर्मित हुआ है. जिसके कारण यह विशाल एवं लोचदार है. इसमें समय एवं जरूरत के अनुसार कई संशोधन देशहित एवं जनहित में किए गए हैं. हालांकि अभी भी कई कानून ब्रिटिश काल के लागू हैं. जिसके कारण संविधान में विसंगतियों की चर्चाएं एवं संशोधनों की मांगे होती हैं. उन्होंने छात्रों से अपने जीवन में मौलिक अधिकारों की रक्षा करने एवं कर्तव्यों का पालन करने की नसीहत दी.
कानून की पढ़ाई करने वालों के लिये अवसर की कमी नहीं: रोनाल्ड
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लॉ स्टूडेंट (इंटर्नशिप) रोनाल्ड रफैल ने कहा कि कानून की पढ़ाई करने वालों के लिये अवसर की कमी नहीं हैं. मन में कुछ करने एवं बनने की इच्छाशक्ति का जागृत होना बहुत जरूरी हैं. मौके पर पारा लिगल वोलंटियर अरूण कुमार, जयंत नंदी सहित कॉलेज के शिक्षिक-शिक्षिकाएं एवं छात्र मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन कॉलेज के व्याख्याता विनोद कुमार ने की.
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