Jamshedpur (Ashok Kumar) : कोल्हान में नक्सल गतिविधियां कम हुई है. इसके बाद सारंडा जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस कैंप कर रही है. पहले नक्सली बाहर निकलते थे, लेकिन अब पुलिस ही नक्सलियों के गढ़ में जा रही है. यह बातें रांची के जोनल आइजी पंकज कंबोज ने जमशेदपुर आगमन के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों से पुलिस, आम लोग और जानवरों को भी क्षति होती है. वे रास्ते में आइडी बम बिछाकर विष्फोट करते हैं.
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नियंत्रण में है नक्सल गतिविधियां
कोल्हान में नक्सल गतिविधियां नियंत्रण में है, लेकिन उनपर कड़ी नगर रखने को कहा गया है. 15 साल के आंकड़े को खंगालते हुये उसका पूरा ब्यौरा इकट्ठा करने को कहा गया है. आज उनकी दीनचर्या कैसी चल रही है. उनका रोजगार कैसे चल रहा है. जो नक्सली बचे हुये हैं उन्हें भी सरेंडर करने के बाद सरकार की पॉलिसी का लाभ उठाने की जरूरत है.
पूर्व सांसद सुनिल महतो हत्याकांड सीबीआइ के जिम्मे है
एक सवाल के जवाब में जोनल आइजी ने कहा कि पूर्व सांसद सुनिल महतो की हत्या का मामला सीबीआइ के हाथ में है. इस कारण से वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं. इसमें शामिल एक आरोपी के बारे में बताया गया कि बंगाल में सरेंडर कर चुका है, लेकिन बंगाल की पुलिस झारखंड की पुलिस को मदद नहीं कर रही है.
जिले में 2541 मामले हैं लंबित
जोनल आइजी ने कहा कि जिले में 2541 मामले लंबित हैं. वहीं 2017 से लेकर अबतक के मामले का निष्पादन अगले दो माह के भीतर ही कर देने को कहा गया है. जमशेदपुर में अपराध हुये हैं, लेकिन पुलिस को उसमे सफलता भी हाथ लगी है. 2022 में बैंक डकैती की भी घटना घटी थी, लेकिन पुलिस ने उसका भी उद्भेदन कर दिया है.
अब साइबर थाने में आरक्षी भी करेंगे ड्यूटी
जोनल आइजी ने कहा कि साइबर क्राइम की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में अब साइबर थाने में आरक्षी की भी पदस्थापना की जायेगी. इसके पहले तक साइबर थाने में सिर्फ इंसपेक्टर ही काम करते थे. पूर्व में सब इंसपेक्टर को भी पदस्थापित किया गया है. आइजी का कहना है कि साइबर क्राइम का उद्भेदन करने के लिये बड़ी टीम की जरूरत है. इसके लिये लंबा मूवमेंट होता है. इसको लेकर आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है.
चाईबासा एसपी व जैप 6 में कमांडेंट रह चुके हैं पंकज कंबोज
पंकज कंबोज का कहना है कि वे पहले चाईबासा में एसपी के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं. उसके बाद जनवरी 2014 में जमशेदपुर में ही जैप 6 में कमांडेंट के रूप गुरुवार को वे सिर्फ एसएसपी ऑफिस का ही निरीक्षण कर सके हैं. उन्हें पुलिस लाइन भी जाना था, लेकिन नहीं जा सके हैं. अगले दो माह के भीतर एसएसपी, सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी, डीएसपी और इंसपेक्टर को अपने क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के लिये कहा है.
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