Jamshedpur (Sunil Pandey) : पूर्वी सिंहभूम जिले के सेवानिवृत डीडीसी प्रदीप प्रसाद, तत्कालिन एडीएम नंदकिशोर लाल एवं जमशेदपुर सदर की सीडीपीओ सुरूचि प्रसाद पर कार्रवाई की मांग को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष कुमार मित्तल ने कोल्हान आयुक्त से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उपरोक्त सभी अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय से आए जांच से जुड़ा पत्र सौंपा. इससे पहले सुभाष कुमार मित्तल ने कार्मिक,प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजकर सेवानिवृत डीडीसी प्रदीप प्रसाद के पेंशन भुगतान पर रोक लगाने की मांग की थी. भेजे गए पत्र में उन्होंने पूर्व डीडीसी पर एक मामले में आरोपियों को बचाने की मंशा से जांच के लिए चार बार पत्र निर्गत करने के बाद भी जांच नहीं की. पूर्व डीडीसी जांच टीम के अध्यक्ष (डीडीसी) थे. इसी बीच डीडीसी प्रदीप प्रसाद 30 सितंबर 2022 को सेवानिवृत हो गए. उनके सेवानिवृत होने के बाद जिले की उपायुक्त डीडीसी के प्रभार में हैं.
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सीएमओ ने दिया था जांच का निर्देश
आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष कुमार मित्तल ने मुख्यमंत्री से बागबेड़ा में स्वीकृत स्थल से हटकर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करने, महिला समूह के नाम पर पीडीएस दुकान का संचालन करने, सरकारी योजना से निर्मित सड़क में घोटाला करने समेत अन्य आरोपों के तहत शिकायत की थी. उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने (पत्राकं 8500407 गो.दिनांक 20 जनवरी 2021 एवं पूनः पत्राकं 6100099 गो. दिनांक 23 जून 2021) जिले की उपायुक्त को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश के बाद उपायुक्त विजया जाधव ने डीडीसी (तत्कालिन) के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. लेकिन एक बार भी जांच करने नहीं गए. आरटीआई एक्टिविस्ट के द्वारा पुछे जाने पर डीडीसी ने डीसी के द्वारा स्थल निरीक्षण से मना करने की बात कहकर शिकायतकर्ता को लौटा दिया.
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आयुक्त ने जांच एवं कार्रवाई का दिया आश्वासन
सुभाष कुमार मित्तल ने बताया कि उन्होंने कोल्हान आयुक्त से मुख्यमंत्री कार्यालय से आए आदेश के आलोक में पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. कोल्हान आय़ुक्त ने उन्हें आश्वस्त किया कि कोई कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो. कानून ने बड़ा नहीं है. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई एवं कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी. दूसरी ओर सुभाष कुमार मित्तल ने बताया कि उनके जन जागरण अभियान में किसी तरह की बाधा एवं उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचने पर इसकी जिम्मेवारी पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन की होगी.
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