Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : माघ महीने के शुल्क पक्ष में बसंत पंचमी 26 जनवरी गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दिन मां सरस्वती की पूजा होगी. अबूझ मूहूर्त होने से इस दिन विवाह समेत शुभ कार्य बिना मुहूर्त निकाले किए जाएंगे. बसंत पंचमी 25 जनवरी को दोपहर 12:34 बजे लग जाएगी, जो 26 जनवरी के 12:35 बजे रहेगी. उदया तिथि के अनुसार 26 को ही मां सरस्वती की पूजा की जाएगी. ये पर्व बसंत मौसम की शुरुआत का सूचक है, पूरे दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा. इसका अर्थ है कि बसंत पंचमी का दिन बेहद शुभ होता है और इस दिन किसी भी नये कार्य की शुरुआत की जा सकती है.
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भक्तों की सारी मनोकामनाएं होती हैं पूरी
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस दिन लोग बगैर पंचांग देखे दिन भर में कभी भी अपने कार्य को पूरा कर सकते हैं. वहीं, कई लोग इस दिन परिवार में छोटे बच्चों को पहली बार किताब और कलम पकड़ाते है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. सरस्वती मां को ज्ञान की देवी कहा जाता है. इसलिए इस दिन पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से वो प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं
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मां सरस्वती को पीली साड़ी पहनाएं
ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर शास्त्री का कहना है कि 26 जनवरी को सृजन, ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान की देवी सरस्वती मां का पूजन होगा. मां सरस्वती को पीली साड़ियां, पर्दे, मिठाई और फूल अर्पित करें. सरस्वती पूजा चंद्र, ब्रहस्पति, शुक्र और बुध के हानिकारक प्रभावों को काफी हद तक कम कर देती है. घर में सुबह सफाई कर स्नान कर पूजा-अर्चना कर माता का आह्वान करें. मां सरस्वती को आम के पत्ते, केसर, हल्दी, अक्ष तिलक, कलश, सरस्वती यंत्र, दूर्वा घास भी चढ़ाए. भगवान गणेश की भी पूजा अर्चना करे. विद्यार्थी किताब, कलाकार संगीत वाद्य यंत्र का पूजन करें.
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