Jamshedpur: सरयू राय ने अपने आरोपों के तरकश से बन्ना गुप्ता के खिलाफ एक और तीर निकाला है. शुक्रवार को यहां विज्ञप्ति जारी कर सरयू राय ने कहा कि 14 अप्रैल को राजकीय छुट्टी के दिन सभी छोटे-बड़े सरकारी ऑफिस बंद थे. ऐसे में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने अपना ऑफिस खोलकर संचिका में हेराफेरी करने और सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया है. श्री राय ने कहा कि वित्तीय अनियमितता उजागर होने से स्वास्थ्य मंत्री विचलित हो गए हैं. उन्हें यह भी ख़्याल नहीं रहा कि आपात स्थिति के अलावा ऐसे छुट्टी के दिन सरकारी ऑफिस खोलना महापुरुषों का अपमान है.
इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर : प्रतीक फाउंडेशन ने 10 वर्षीय मोनी कुमारी को प्रदान किया श्रवण मशीन
प्रोत्साहन राशि घोटाले की संपूर्ण जांच होनी चाहिए
श्री राय ने कहा कि गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए आधिकारिक वक्तव्य पर ही सवाल खड़ा करते हुए पूछा स्वास्थ्य विभाग में सर्वोच्च सक्षम प्राधिकार कौन है? क्या विभाग में मंत्री के ऊपर भी कोई सक्षम प्राधिकार होता है जो उनके बारे में निर्णय लेता है? उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन राशि घोटाले की संपूर्ण जांच होनी चाहिए. राज्य की जनता को यह जानने का हक है कि स्वास्थ्य मंत्री किस सक्षम प्राधिकार के आदेश से कोविड प्रोत्साहन राशि का “बन्ना बांट” किया है जो बंदरबांट की तरह का ही संगीन अपराध है.
स्वास्थ्य विभाग की संचिका की जांच कर कार्रवाई करें सीएम
उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से घोटाले वाली स्वास्थ्य विभाग की संचिका की जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उल्लेखनीय है की बुधवार 13 अप्रैल को सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोविड प्रोत्साहन राशि का घोटाले का आरोप लगाया था जिसके लेकर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्री राय द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज करते हुए मंत्री को बदनाम करने की साजिश करार दिया गया था.
इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर: आरोप-प्रत्यारोप के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर दिखे सरयू-बन्ना, नहीं की एक दूसरे से बात