Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के मामला को शून्यकाल के दौरान उठाया. उन्होंने तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना की 15 सदस्यीय समिति में झारखंड का स्थान सुरक्षित करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से सरकार को संज्ञान लेने का निर्देश देने का आग्रह किया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कहा कि झारखंड के सिख अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना जानते हैं तथा झारखंड के सिखों का अधिकार सुरक्षित रखने के लिए सीजीपीसी हरसंभव प्रयास करेगी. झारखंड के सिखों का मुद्दा सदन में उठाने के लिए उन्होंने सरयू राय का धन्यवाद दिया.
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : बाइक चोर गिरोह का भंडाफोड़, तीन सदस्य गिरफ्तार, चोरी की 14 बाइक बरामद
समिति में स्थान सुरक्षित करने के लिए ले सकते हैं कानून का सहारा
वहीं झारखंड राज्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह ने इसे शुरुआती जीत करार देते हुए झारखंड सिखों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही. सरदार भगवान सिंह और सरदार शैलेन्द्र सिंह ने एक सुर में कहा कि तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना की सदस्य समिति में झारखंड का स्थान सुरक्षित करने के लिए वे कानूनी सहारा भी ले सकते हैं. उल्लेखनीय है कि बुधवार को शून्यकाल के दौरान जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखंड विधान सभा में वक्तव्य रखते हुए कहा कि सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली पटना साहिब में स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी का प्रबंधन 15 सदस्यीय समिति करती है. इसका संचालन 1955 में बने संविधान और नियामवली के तहत होता है. प्रबंधन समिति में अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली सहित उत्तर एवं दक्षिण बिहार का प्रतिनिधित्व है.
इसे भी पढ़ें : घाटशिला : सीओ ने माइकिंग से लोगों को नदी तट पर नहीं जाने की अपील की
दक्षिण बिहार में केवल 15 गुरुद्वारा है जबकि झारखंड में 120
बिहार का पुनर्गठन होकर झारखंड राज्य बना है. अभी तक दक्षिण बिहार के साथ झारखंड था. दक्षिण बिहार और झारखंड का संयुक्त प्रतिनिधित्व तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के प्रबंधन की 15 सदस्यीय समिति में रहता था. परन्तु कुछ लोगों द्वारा अब यह साजिश रचा जा रहा है कि झारखंड को दक्षिण बिहार के प्रतिनिधि से अलग कर दिया जाय और इसके लिए तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना समिति के संविधान में संशोधन किया जाय. जबकि दक्षिण बिहार में केवल 15 गुरुद्वारा हैं और झारखंड में 120 के करीब गुरुद्वारा हैं. इस तरह झारखंड को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साजिश चल रही है. जब अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली के सिख प्रतिनिधि तख्त हरमंदिर साहेब की 15 सदस्यीय समिति में हैं तो झारखंड को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं देना कहीं से भी उचित नहीं है. सरयू राय ने सरकार से मांग की है कि बिहार सरकार के साथ वार्ता कर तख्त श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन समिति में झारखंड का स्थान सुरक्षित करवाया जाए.