Jamshedpur (Sunil Pandey) : राजनगर प्रखंड के अंतर्गत महेश कुदर गांव में स्थापित शहीद निर्मल महतो विद्या मंदिर का 22 वां वार्षिक उत्सव शुक्रवार को मनाया गया. इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. उक्त विद्यालय की स्थापना स्वर्गीय वनबिहारी महतो ने वर्ष 2021 में की थी. विद्यालय में कुल 1500 छात्र एवं 30 शिक्षक हैं. माणिक लाल महतो विद्यालय के प्रधान शिक्षक हैं. वे साहित्यकार सह समाजसेवी सुनील कुमार दे को अपना गुरु मानते हैं. सुनील कुमार दे ने उन्हें विद्यालय खोलने की प्रेरणा दी थी. विद्यालय में एक होस्टल भी है जहां 200 बच्चे रहते हैं और शिक्षा लेते हैं. उक्त विद्यालय में एलकेजी से लेकर वर्ग 10 तक के बच्चे पढ़ते हैं.
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शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण की दी जाती है शिक्षा
स्कूली शिक्षा के साथ साथ चरित्र निर्माण और संस्कार युक्त शिक्षा भी दी जाती है.साहित्यिक, सांस्कृतिक, संगीत, योग, व्याम, कराटे, खेलकूद आदि की शिक्षा भी दी जाती है. विद्यालय परिसर में सरस्वती मंदिर, मनसा मंदिर, हनुमान मंदिर, हरिमंदिर आदि भी है.विद्यालय में वार्षिक अनुष्ठान के अलावे सरस्वती पूजा, रामनवमी, गुरुपूर्णिमा, जन्मास्टमी, हरिसंकीर्तन, रच्छा वन्धन, शिक्षक दिवस, विवेकानंद जयंती, नेताजी जयंती, निर्मल जयंती के अलावे नेत्र चिकित्सा शिविर, फ्री मेडिकल कैम्प, फ्री हेल्थ चेकप, सांस्कृतिक अनुष्ठान, नाटक,लघु फ़िल्म,साहित्यिक कार्ज्य क्रम,बाल कवि सम्मेलन,स्वरचित कविता प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता भी होते हैं.
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50 छात्रों से शुरु हुई था विद्यालय
22 वें वार्षिक उत्सव का शुक्रवार को धूमधाम से आयोजन किया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के प्रसिद्ध कवि,लेखक और समाज सेवक सुनील कुमार दे उपस्थित थे. उन्होंने सरस्वती मंदिर में द्वीप और धूप प्रज्वलित कर के बार्षिक उत्सव का शुभारंभ किया और सरस्वती मा की पूजा अर्चना की. इस शुभ अवसर पर उन्होंने कहा कि 50 छात्र छात्राओं को लेकर एक झुपड़ी में शुरू करनेवाले शहीद निर्मल महतो विद्या मंदिर आज 22 साल बाद एक विशाल महिरूह में परिवर्तित हो चुका है. राजनगर प्रखंड में यह विद्यालय एक आदर्श विद्यालय के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुका है. इसके पीछे उन्होंने अपने शिष्य माणिक महतो की लगन, निष्ठा, परिश्रम, त्याग और तपस्या को बताया. इसके अलावे विद्यालय कमिटी और शिक्षक शिच्छिकाओ का सहयोग और योगदान भी है. कार्यक्रम में माणिक महतो ने स्वागत भाषण दिया. जबकि विद्यासागर पाणिग्रही ने गीता पाठ किया. जबकि सांत्वनू महतो ने हरिसंकीर्तन के साथ स्वागत गीत प्रस्तुत किया. इस अबसर पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तूत किया.
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