Jamshedpur : शहर में छिनतई, चोरी, लूट-पाट, छेडख़ानी की घटनाओं के मद्देनजर सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आंनद मूनका ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि अधिनियम से संबंधित आयु की समीक्षा की जाए और आयु को 16 से घटाकर 14 वर्ष करने की व्यवस्था की जाए. इस संबंध में श्री मूनका ने कहा कि कई गिरोह अधिनियम के लाभकारी प्रावधानों का अनुचित लाभ उठाने के लिए बच्चों को चोरी, स्नैचिंग, डकैती जैसी घटनाओं के लिये टूल्स के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
उन्होंने बताया कि बाल अधिनियम,1960 के अनुसार विभिन्न सुरक्षात्मक उपाय किए गए थे, जिसे बाद में किशोर न्याय अधिनियम, 1986 के रूप में संशोधित किया गया था. अधिनियम के अनुसार किशोर वह बच्चा है जिसने 16 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है. ऐसे अपराधी किशोर को कारावास की सजा भी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि एक सुनियोजित बाल न्याय प्रणाली चल रही है जिसमें बाल कल्याण बोर्ड, बाल न्यायालय, अवलोकन गृह, बाल गृह आदि शामिल हैं.
अधिनियम की रियायतों का फायदा उठा रहे आपराधिक गिरोह
उन्होंने कहा कि आपराधिक कानून और प्रक्रिया ने बच्चों को लंबी रियायतें दी हैं जिनमें आपराधिक जिम्मेदारी से उन्मुक्ति शामिल है (भारतीय धारा 82 और 83 दंड संहिता). उन्होंने एक ठोस उदाहरण देते हुए कहा कि अगर 15 साल का लड़का बलात्कार करता है और चूंकि वह कानून की नजर में किशोर है, इसलिए उसे वह सभी सुरक्षा मिलती है जो अधिनियम प्रदान करता है. ऐसे में इस अधिनियम की रियायतों की आड़ में कुछ गिरोह शहर में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जो चिंता का विषय है.
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