Jamshedpur(Dharmenra Kumar) : शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से निजी स्कुलों के तर्ज पर आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रदान करने के लिए हाई स्कूल और मध्य स्कूल में स्मार्ट बोर्ड लगाया था. लेकिन लाखों रुपये की लागत से लगाया यह स्मार्ट बोर्ड प्रशिक्षण के अभाव में अब खराब होने के कगार पर है. सरकारी स्कूलों में लगी स्मार्ट क्लास का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है.ज्यादातर स्कूलों में स्मार्ट क्लास बंद पड़ी हैं.
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ऑपरेट करने के लिए किसी को प्रशिक्षण नहीं दिया गया
ज्यादातर हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लास का उपयोग नहीं हो पा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि स्मार्ट बोर्ड लगाने के बाद इसे ऑपरेट करने के लिए किसी भी शिक्षक को प्रशिक्षण नहीं दिया गया. जानकारी के अभाव में स्मार्ट क्लास इंस्टॉलेशन के बाद ऑपरेट ही नहीं किया गया. शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एजेंसी भी नियुक्त किया गया था. ताकि सभी स्कूलों के शिक्षक स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर सकें. लेकिन विभागीय कार्य की अत्यधिक बोझ और लापरवाही के कारण शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त नही किया. एजेंसी के प्रशिक्षकों द्वारा ही स्कूल के विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षा प्रदान किया जाता था. पिछले वर्ष सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसी की अवधि समाप्त होने पर एजेंसी ने अपने प्रशिक्षकों को वापस बुला लिया जिसके बाद से सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास बंद है.
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200 सरकारी स्कूलों में लगा है स्मार्ट बोर्ड
पूर्वी सिंहभूम में 147 हाई स्कूलों सहित 45 मिडिल स्कूलों में भी स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है. वहीं कॉरपोरेट के सीएसआर के माध्यम से दो हाई स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड लगाए गए थे. उसकों ऑपरेट करने के लिए कंपनी द्वारा प्रशिक्षक भी नियुक्त किया गया था.उन दो स्कूलों में स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से बच्चों को नियमित रुप से पढ़ाया जा रहा है.सरकारी स्कूलों में 2019 में मध्य तथा हाई स्कूलों में प्रत्येक स्कूल छह लाख की लागत से कंप्यूटर लैब और स्मार्ट क्लास लगाये गये थे. जिसमें एक स्मार्ट क्लास की लागत 1.75 लाख रुपये आया था. चयनित सभी स्कूलों को 11 कंप्यूटर और एक स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई थी. ताकि विद्यार्थी को इसका लाभ मिल सके. सरकार द्वारा स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था तो कर दी गई. लेकिन वर्तमान में ज्यादातर स्कूलों में स्मार्ट क्लास में या तो ताले लगे हैं या फिर उस रूम को स्टोर रूम के तौर पर उपयोग किया जा रहा है.
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शिक्षकों को प्रदान किया जाएगा प्रशिक्षण
ने बताया कि विभाग से प्राप्त निर्देश के अनुसार प्रत्येक माह शिक्षकों को रोस्टर के आधार पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. एक दिन में 10 स्कूलों के शिक्षकों को स्मार्ट क्लास ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसको लेकर जिला शिक्षा विभाग की ओर से योजना तैयार की जा रही है. इसके लिए प्राइवेट स्कूलों से भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को नवीनतम जानकारी से अवगत कराने और छात्रों को स्मार्ट तरीके से पढ़ाने के लिए स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई हैं. लेकिन तकनीकी जानकारी के कमी के कारण विद्यार्थी इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इसको देखते हुए सभी स्कूलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि स्मार्ट क्लास का लाभ बच्चों को मिल सके.
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