Jamshedpur : सरकार द्वारा छात्रों को देश-दुनिया की नवीनतम जानकारी से अवगत कराने और उन्हें स्मार्ट तरीके से पढ़ाने के उद्देश्य से उच्च एवं मध्य विद्यालय में स्मार्ट क्लास बनाया गया. लेकिन तकनीकी जानकारी एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण नहीं देने के कारण विद्यार्थी इन सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. पूर्वी सिंहभूम जिले में 2019 में प्रति स्कूल दो लाख की लागत से स्मार्ट क्लास और आईटीसी लैब की व्यवस्था की गई थी. जिला में 147 हाई स्कूलों सहित 45 मिडिल स्कूलों में स्मार्ट क्लास और आईटीसी लैब की व्यवस्था की गई थी. स्कूलों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था तो कर दी गई, लेकिन स्मार्ट क्लास में पढ़ाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है.
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शिक्षकों को नहीं दिया गया प्रशिक्षण
सरकार के निर्देश पर एजेंसी द्वारा स्कूलों में स्मार्ट क्लास और आईटीसी लैब बना दिया गया, लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए शिक्षकों को न तो प्रशिक्षित किया गया और न ही किसी की प्रतिनियुक्ति की गई. तकनीकी जानकारी एवं प्रशिक्षण के अभाव में स्मार्ट क्लास बनने के बाद ऑपरेट ही नहीं हुआ. हालात यह है कि ज्यादातर स्कूलों में स्मार्ट क्लास अब स्टोर रूम में तब्दील हो गया है. इस संबंध में बिरसानगर स्थित नीलडीह मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक श्याम प्रसाद ठाकुर ने लगातार न्यूज को बताया कि स्कूल में स्मार्ट क्लास बनाने के बाद एजेंसी के लोग झांकने भी नहीं आए, जबकि टेंडर के अनुसार स्मार्ट क्लास बनाने के बाद स्कूल के 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेवारी एजेंसी की थी. तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण के अभाव में स्मार्ट क्लास की सुविधा से स्कूल के बच्चे वंचित हैं. इस संबंध में विभाग को कई बार पत्राचार किया गया तो कार्रवाई करने की बात कही गई.