Jamshedpur (Mujtaba Haider Rizvi) : टाटा स्टील ने अपने कोक प्लांट के बैटरी नंबर 5 में 110 मीटर ऊंची चिमनी सफलतापूर्वक धराशाई कर दी है. इस चिमनी को सुबह 11 बजे ध्वस्त करने का काम शुरू किया गया और मात्र 11 सेकेंड के अंदर चिमनी ध्वस्त कर दी गई. टाटा स्टील के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने चिमनी को 4 डिग्री पर गिराने का प्लान बनाया था. लेकिन, जीरो डिग्री पर ही इसे गिराने में सफलता मिल गई है. यह एक विश्व रिकार्ड है. चिमनी का मलबा इधर-उधर नहीं गिरा. चिमनी जहां पर बनी थी वहीं गिर गई है.
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अब तक 4 डिग्री डिमोलिशन का था रिकॉर्ड
अब तक डिमोलिशन का 4 डिग्री पर मलबा गिरने का विश्व रिकॉर्ड था. जिसे टाटा स्टील ने जीरो डिग्री पर गिरा कर तोड़ दिया है. यूनाइटेड क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में टाटा स्टील के अधिकारी चाणक्य चौधरी ने बताया कि चिमनी की कंडीशन अच्छी नहीं थी. इसीलिए चिमनी गिराई गई है.
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पुरानी हटाकर लगाई गई जा रही आधुनिक चिमनी
चिमनी बैटरी नंबर 5, 6 और 7 में है. यह पुरानी चिमनी हटाकर आधुनिक और पर्यावरण फ्रेंडली चिमनी लगाई जा रही है. इसकी जगह आधुनिक 5 ए और 6 ए चिमनी लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि सिविल और कंक्रीट वर्क पहले कर लिया गया था. जो ऊंचे ढांचे हैं, उनको गिराने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया गया. दक्षिण अफ्रीका की एडिफिस कंपनी ने इस काम को किया है. पहले तय किया गया था कि इसको नॉर्मल वे में गिराना है. लेकिन बाद में यह फैसला बदला गया और इसके लिए विशेषज्ञों की तलाश की गई. एक साल पहले से चिमनी गिराने की चर्चा चल रही थी. टाटा स्टील के अधिकारियों ने डिमोलिशन एक्सपर्ट रामनाथन से संपर्क किया और उन्होंने नई तकनीकी से अवगत कराया. इसके बाद एडिफिस कंपनी से बात कर उन्हें चिमनी गिराने का ठेका दिया गया. इस तकनीक में किसी भी मजदूर को ऊपर जाने की जरूरत नहीं है. नीचे से ही चिमनी गिरा दी जाती है.
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चिमनी को गिराने में 48 किलोग्राम विस्फोटक का हुआ इस्तेमाल
चिमनी को गिराने के लिए 48 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही रेन वाटर स्प्रे भी कराया गया था. ताकि धूल और डस्ट इधर उधर ना उड़े. वाइब्रेशन को कम कर मलबा वहीं गिराया गया. 600 क्यूबिक मीटर मलबा निकला है. इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा. मलबे को लोहे की जाली और अन्य तकनीक से स्थल पर रखा गया है.
चिमनी गिराने में खर्च हुए दो करोड़ रुपए
110 मीटर ऊंची चिमनी को गिराने में दो करोड़ रुपए रुपए खर्च हुए हैं. चिमनी को गिराने से पहले 45 मिनट तक कंपनी का काम रोका गया था. चिमनी गिराने के बाद काम टाटा स्टील का बाधित नहीं हुआ.