Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : टाटा स्टील ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद में माइनिंग एंड मिनरल बेनिफिसिएशन में सेंटर फॉर इनोवेशन की स्थापना की है. कंपनी का लक्ष्य प्राकृतिक और शहरी खनन में तकनीकी समाधान विकसित करने और लो ग्रेड तथा जटिल अयस्कों से लाभप्रदता के माध्यम से अपनी दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करना है. यह सेंटर अनुसंधान से संबंधित प्रासंगिक बुनियादी संरचनाओं के विकास को सुदृढ़ बनाएगा, प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा, और राष्ट्रीय महत्व के रणनीतिक क्षेत्रों में उद्योग-शिक्षाविद सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद करेगा.
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इस अवसर पर टाटा स्टील के टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. देबाशीष भट्टाचार्जी ने कहा कि उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग इनोवेशन की भावना जगाने और सस्टेनेबल कारोबार विकास में सहायता करने के लिए महत्वपूर्ण है. टाटा स्टील से प्राप्त 22 करोड़ रुपये से इस सेंटर फॉर इनोवेशन के निर्माण के साथ, हम स्थानीय खानों और अयस्कों के लिए प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों को संयुक्त रूप से विकसित करने और उन्नयन के लिए तत्पर हैं.
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अनुसंधान को आगे बढ़ाने में सहायक होगा सेंटर
वहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के निदेशक प्रोफेसर राजीव शेखर ने कहा कि हमें टाटा स्टील के साथ आईआईटी (आईएसएम) में टाटा स्टील इनोवेशन सेंटर ऑन माइनिंग एंड मिनरल रिसर्च (आईसीएमएमआर) के रूप में सेंटर फॉर इनोवेशन (सीओई) स्थापित करने पर खुशी है. आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, माइनिंग, मिनरल्स एंड अर्थ साइंसेज के क्षेत्र में एक विश्व प्रसिद्ध संस्थान है जो इस अनूठी पहल पर टाटा स्टील लिमिटेड के साथ काम करके बेहद खुश है. शिक्षा जगत और उद्योग को ऐसी सहजीवी साझेदारी बनाने की जरूरत है जो दोनों को लाभ पहुंचाए. इस तरह के सहयोगी प्रयास एक कुशल कार्यबल बनाने के अलावा प्रौद्योगिकी विकास में अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने में सहायक होंगे.