Jamshesdpur (Mujtaba Haider Rizvi) : टेल्को वर्कर्स यूनियन ने टाटा मोटर्स में एक नवंबर को हुए ब्लॉक क्लोजर को रद्द करने की मांग की है. टेल्को वर्कर्स यूनियन का कहना है कि कंपनी ने ब्लॉक क्लोजर के साथ ही इस बार पहली बार ऐसा नियम लागू कर दिया था कि ब्लॉक क्लोजर से एक दिन पहले और ब्लॉक क्लोजर के एक दिन बाद मजदूरों की उपस्थिति अनिवार्य है. जो मजदूर ब्लॉक क्लोजर से एक दिन पहले और एक दिन बाद उपस्थित हुए हैं. उन्हीं को ब्लॉक क्लोजर के दिन का आधा वेतन मिलेगा. जो मजदूर ब्लॉक क्लोजर से एक दिन पहले और एक दिन बाद कंपनी नहीं आए हैं. उनका ब्लॉक क्लोजर के दिन का पूरा वेतन कट जाएगा. टेल्को वर्कर्स यूनियन को इसी पर आपत्ति है. उनका कहना है कि आस्था के पर्व छठ पर बहुत से मजदूरों ने 31 क्टूबर को छुट्टी ली थी. ऐसे मजदूर जिन्होंने 31 अक्टूबर को छुट्टी ली थी. उन सब को ब्लॉक क्लोजर के दौरान मिलने वाला आधा वेतन नहीं मिलेगा. टेल्को वर्कर्स यूनियन के सदस्य हर्षवर्धन उपाध्यक्ष राकेश दुबे ने कंपनी के प्लांट हेड को पत्र लिखकर मांग की है कि इसलिए कंपनी ब्लॉक क्लोजर को रद्द करे. ताकि मजदूरों का नुकसान नहीं हो.
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टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन पर मजदूरों का हित नहीं देखने का आरोप
टेल्को वर्कर्स यूनियन ने टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन पर आरोप लगाया है कि टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन मजदूरों के हितों के विरुद्ध काम कर रही है. छठ के ठीक एक दिन बाद ब्लॉक क्लोजर लेना और उसमें मजदूरों का एक दिन पहले और एक दिन बाद उपस्थित रहने की अनिवार्यता की शर्त लगाना गलत है. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन को कंपनी को इस तरह के नियम लागू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी. टेल्को वर्कर्स यूनियन के सदस्य हर्षवर्धन ने कहा कि टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन फर्जी तौर से बनाई गई थी और फर्जी तौर से नए नए नियम लागू करा के मजदूरों का नुकसान कर रही है. उन्होंने कहा कि पहले टाटा मोटर्स में एक साल में 18 ब्लॉक क्लोजर लिए जा सकते थे. बाद में जब चंद्रभान सिंह यूनियन के अध्यक्ष थे तब ब्लॉक क्लोजर की संख्या 24 की गई थी. टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की सहमति से कंपनी ने ब्लॉक क्लोजर की संख्या 60 कर दी है. इससे मजदूरों का अहित हो रहा है.
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