Jamshedpur (Sunil Pandey) : सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर लॉ इंफोर्सर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस प्रशिक्षण में झारखंड सशस्त्र पुलिस -6, के जवानो ने भाग लिया सिविल सर्जन ने सभी भाग लेने वाले प्रशिक्षकों को तंबाकू जनित दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता किया तथा उन्हें इसका प्रयोग नहीं करने की सलाह दी. साथ ही दूसरों को इसके दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए जागरूक करने के लिए कहा. प्रशिक्षक डॉ0 दीपक कुमार गिरी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति ज्यादा खांस रहा है या उसे बेचैनी महसूस हो रही है तो यह टीबी का सम्भावित लक्षण है, उससे यह पता लगाएं कि तंबाकू सेवन कर रहा हो तो उसे निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी के द्वारा ठीक किया जा सकता है. उन्होंने तंबाकू एवं नशा से उत्पन्न विभिन्न प्रकार की समस्याओं में मानसिक व सामाजिक विषयों पर चर्चा कर अपनी जानकारी साझा की.
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प्रत्येक वर्ष 13.5 लाख लोगों की होती है मौत
वहीं प्रशिक्षक के रूप में डॉक्टर मोहम्मद असद ने बताया कि तंबाकू से हर साल करीब 13.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है. जिला परामर्शी मौसमी चटर्जी ने सभी प्रशिक्षुओं को विस्तृत जानकारी साझा कर अपने-अपने क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रेरित की. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सभी पुलिस जवानों को नशा से दूर रहना तथा जागरूक कर समाज तथा आसपास के लोगों को जागरूक करना था.
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