Jamshedpur (Dharmedr Kumar) : नई शिक्षा नीति के अनुसार नेतृत्व प्रशिक्षण बचपन से ही शुरू हो जाना चाहिए, क्योंकि ये युवा अपने निर्णयों के लिए धीरे-धीरे जिम्मेदारी लेना सीखते हैं. उक्त बातें राजेंद्र विद्यालय की प्राचार्य राखी बनर्जी ने कहीं. उन्होंने कहा कि केवल आत्मनिर्णय के माध्यम से ही ये युवा अंततः अपने समुदाय में नेतृत्व प्राप्त कर सकते हैं. माता-पिता के मार्गदर्शन के अलावा, इन युवाओं के लिए अच्छे नेतृत्व का प्रयोग करने के अवसर पैदा करने की जिम्मेदारी समाज की है. बनर्जी ने कहा कि वयस्कों के लिए महत्वपूर्ण सबक यह है कि युवा लोगों को नेतृत्व के अवसर प्रदान करने में कभी हार नहीं माननी चाहिए. नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए युवाओं के लिए अवसरों और स्थान को लागू करने वाले समूहों की प्रगति की लगातार जांच करनी चाहिए.
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राखी बनर्जी ने कहा कि आज के युवा अभी भी आत्म-सशक्तीकरण के लिए कई व्यवहार संबंधी चुनौतियों का सामना करते हैं. समस्या और समाधान दोनों ही माता-पिता के घर से शुरू होते हैं. दुनिया ने इससे पहले कभी भी प्रौद्योगिकियों, अर्थव्यवस्था और समाज में ऐसे गतिशील परिवर्तनों का अनुभव नहीं किया है. नई शिक्षा नीति काम की बदलती दुनिया में आर्थिक सशक्तीकरण को मजबूती प्रदान करेगी. प्रगति काम की हमेशा बदलती दुनिया का एक महत्वपूर्ण पहलू है और युवा नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए, असमानताओं को चुनौती देने, पुनर्गणना करने और प्रक्रियाओं को बदलने वाली ताकत बनने के लिए एक अद्वितीय स्थिति में हैं. नई शिक्षा नीति 2020 का तहत हम युवा शक्ति का उपयोग करके हम न केवल 2030 तक आर्थिक रुप से समृद्ध होंगे, बल्कि लाभ को अपरिवर्तनीय बना देंगे.