Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : केंद्र की मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के माध्यम से महिलाओं को ठगने का काम किया है. महिला आरक्षण बिल पास हो गया लेकिन यह 2029 के बाद लागू होगा. सरकार की मंशा महिलाओं को उनका अधिकार देना नहीं, बल्कि महिलाओं को आरक्षण का लालच देकर 2024 में उनका वोट हासिल करना है. उक्त बातें शुक्रवार को परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की कोऑडिनेटर सादाफ जफर ने कही. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बहुमत में है. यदि उनकी इच्छाशक्ति होती तो वे इसे 2024 के चुनाव में ही लागू करवा सकते थे. लेकिन महिला आरक्षण बिल में जनगणना और परिसीमन का पेंच लगाकर इसको टालने का काम किया गया.
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1992 में दोनों विधेयक पारित हुए
उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी महिलाओं के लिए स्थानीय निकायों में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए एक विधेयक लाया था. लेकिन इसके लिए जब बिल पेश किया गया तो बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेई, यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी ने उसके विरोध में वोट किया. वह बिल लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में पारित न हो सका. फिर दिसंबर 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया. दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गया. कई राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे के भीतर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई.
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अपराध करने वालों को भाजपा का समर्थन
बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार साढ़े नौ साल तक महिला आरक्षण बिल को पास क्यों नहीं करवा पाई? सरकार अभी भी देर करने के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्तें क्यों थोप रही है? महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों पर भाजपा नेता और विशेष रूप से महिला सांसद चुप रहते हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को भाजपा ने वास्तव में राजनीतिक समर्थन दिया है. सत्ता पक्ष की किसी भी महिला सांसद ने हाथरस, कठुआ, उत्तराखंड या मणिपुर में महिलाओं पर हुए अत्याचारों पर एक शब्द भी नहीं बोला. प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से में जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता आभा सिन्हा, सामंता कुमार, ब्रजेन्द्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, अंसार खान, सलीम खान उपस्थित थे.