Jamshedpur : सदर अस्पताल के एएनएमटीसी प्रशिक्षण केंद्र में शनिवार को पीसीपी & डीटी अधिनियम से संबंधित कार्यशाला का आयोजन हुआ. कार्यशाला में 49 एएनएम शामिल हुईं. जिन्हें पीसीपी&डीटी अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, साथ ही कन्या भ्रूण हत्या को रोकने कानून पर चर्चा की गई. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लिंगानुपात में सुधार के साथ इससे संबंधित कानूनी धारा के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करना था. कार्यशाला में बताया गया कि इस अधिनियम में प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध है.
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सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है
प्रसव पूर्व निदान तकनीक (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक)‘पीएनडीटी’ एक्ट के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है. ऐसे में जांच कराने वाले दंपति अथवा करने वाले डॉक्टर, लैब कर्मी को सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है. वहीं अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी केन्द्रों का लाइसेंस रद्द करने के साथ ही आर्थिक दण्ड का प्रावधान है. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. जुझार मांझी, एसीएमओ डॉ. साहिर पाल, डॉ. बाखला, जिला समन्वयक पीसीपी&डीटी पीयूष उपस्थित थे.